हालही में हुए उपचुनाव में बीजेपी ने नूरपुर और कैराना में अपनी उपचुनाव सीट गवां दी है |
यह दोनों ही सीटें भाजपा की सिटिंग सीटें थीं। सांसद हुकुम सिंह के निधन से कैराना की सीट खाली हो गई थी | जिसके बाद लोकसभा सीट पर उनकी बेटी मृगांका सिंह ने सीट पर दावेदारी की | वहीं, विधायक लोकेंद्र प्रताप सिंह की मृत्यु के बाद नूरपुर की सीट पर उनकी पत्नी अवनी सिंह को दावेदार बनाया गया । भाजपा को कैराना और नूरपुर दोनों जगह जीतने की बड़ी उम्मीदें थी | लेकिन दोनों में से भाजपा के पास एक भी सीट नहीं मिली । मुख्यमंत्री ने इसके लिए काफी मेहनत की है | इसके लिए भाजपा संगठन ने दिन-रात एक कर दिया लेकिन एक साथ विपक्ष के आगे पार्टी टिक नहीं पाई । भाजपा की सबसे ज्यादा दुर्गति राज्यमंत्री सुरेश राणा और धर्मवीर सिंह सैनी के राज्य में हुई।
कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा सीट पर 28 मई को मतदान हुआ था।
जहां महागठबंधन से पहले तबस्सुम हसन को कैराना और नईमुल हसन को नूरपुर से चुनाव में दावेदार बनाया गया था । गुरुवार को आए इसके परिणाम में महागठबंधन के प्रयोग पर जनता ने जीत की मोहर लगा दी। कैराना और नूरपुर में मतदान के शुरुआत से ही भाजपा पिछड़ती रही। जिसके चलते अंत तक बीजेपी को नुकसान होता रहा | इसी कारण बीजेपी की उपचुनाव में हार का सामना करना पड़ा | जिसके चलते पांच में से तीन विधानसभा में भाजपा की बड़ी दुर्गति हुई। किसी तरह शामली में बीजेपी को 414 वोट से जीत हासिल हुई |
परिणामों के नतीजों को देखते हुए आंध्र प्रदेश के वित्त मंत्री यनामला रामकृष्णनुडु ने कहा कि बीजेपी की उपचुनाव में हार का सामना करना देश के मूड को दर्शाती है। साथ ही उन्होंने कहा कि कर्नाटक से बीजेपी का पतन से संबंध शुरू हो चुका है और यह उपचुनाव इसका दूसरा भाग है।