दिल्ली में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस बात का निश्चय हो गया है कि केंद्र सरकार 8000 करोड़ के पैकेज को मंजूरी दे रही है। फ़िलहाल इसकी आधिकारिक घोषणा होना बकाया है | इसका फेसला गन्ना किसानों के बढ़ते बकाए को देखते हुए सरकार ने लिया है | दरअसल चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का 22,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का बकाया हो गया है। जिसके लिए मिलें लगातार सरकार से मदद मांग रही है।
गन्ने के रिकॉर्ड उत्पादन और चीनी की कीमतों में गिरावट होने के कारण मिलें किसानों का भुगतान नहीं कर पा रही है । सिर्फ उत्तर प्रदेश में मिलों पर गन्ना किसानों का 12,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का बकाया बचा हुआ है। ऐसे में किसानों के बकाए का भुगतान का निश्चय करने के तहत सरकार बेलआउट पैकेज पर विचार-विमर्श कर रही है।
वहीं, खाद्य मंत्रालय ने 30 लाख टन चीनी का बफर स्टॉक बनाने का भी निश्चय किया है। इसके अलावा मिलों से चीनी बिक्री का कम से कम कीमत 30 रुपए किलो के आसपास तय करने का निश्चय भी किया है और साथ ही स्टॉक की सीमा भी तय करने का निश्चय किया है |