इंसाफ की लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाने वाली आशा देवी को पदम अवार्ड देने की मांग

New Dehli, 22 March । हैवानियत की इंतहाई बयां करने वाला निर्भया दुष्कर्म व हत्या मामले में इंसाफ की लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाने वाली आशा देवी को पदम पुरस्कार से सम्मानित करने की मांग उठने लगी है।

आशा देवी (Asha Devi) ने अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए जो लड़़ाई लड़ी वह देश के इतिहास में एक मिसाल बन गई है। इंसाफ की अदालत में उनकी जद्दोजहद की बदौलत निर्भया के चारों गुनहगारों को फांसी की सजा हो पाई।

देश में सामाजिक-सांस्कृतिक व आर्थिक उन्नति के कार्य से जुड़ा संगठन मिथिलालोक फाउंडेशन के अध्यक्ष एवं जाने माने लेखक डॉ बीरबल झा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi )को एक पत्र लिखकर भारत सरकार से आशा देवी को पद्म पुरस्कार से विभूषित करने की मांग की है।

डॉ. झा (Dr. Jha ) ने कहा कि निर्भया मामले( Nirbhaya case) की सुनवाई के दौरान निचली अदालत से लेकर शीर्ष अदालत तक एक भी दिन ऐसा नहीं हुआ जब बर्बर हत्या की शिकार हुई दुष्कर्म पीड़िता की मां आशा देवी अदालत नहीं पहुंची हो। बेटी को इंसाफ दिलाने में वह दर-दर भटकती रहीं और ठोकरें खाती रहीं लेकिन कभी हिम्मत नहीं हारी और आखिरकार उन्होंने इस लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाया। इसलिए वह पद्म अवार्ड पाने की हकदार है।

उन्होंने अपने पत्र में लिखा 2012 की उस भयानक रात के बारे सोचकर हर किसी के रोंगटे खड़े हो जाते हैं जब मेडिकल की एक छात्रा के साथ दुष्कर्म और बर्बरता से उसकी हत्या कर दी गई। इस घटना ने देश के जनमानस को झकझोर कर रख दिया।

डॉ. झा ने कहा कि मिथिलालोक फाउंडेशन ने आषा देवी को लीगल फाइटर अवार्ड प्रदान करने का प्रस्ताव पारित किया है जिससे इस धरती पर मानवता के खिलाफ खासतौर से महिलाओं के खिलाफ ज्यादती व हिंसा के विरूद्ध लड़ाई को बल मिले।

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