ईरान
ईरान तोड़ रहा है 2015 में हुई JCPOA संधि

ईरान तोड़ रहा है 2015 में हुई JCPOA संधि,

ईरान ने 2015 में हुई ज़ोईंट कंपरिहेंशन प्लान ऑफ़ ऐक्शन संधि (JCPOA) को दरकिनार कर

यूरेनियम के समवर्धन की तादाद को बढ़ा दिया है। उस पर सिर्फ़ 3.67% यूरेनियम का उपयोग

करने की अनुमति थी परंतु ईरान अभी इसे नकारते हुए 20% तक उपयोग कर रहा है

ईरान ने स्पष्ट किया वो मेडिसिनल उपयोग के लिए अपनी सीमा बढ़ा रहा है

उसका इरादा हथियार बनाना नहीं है।

क्या है JCPOA?

ईरान पर शक था की ये नूक्लीअर हथियार बना रहा है इस पर रोक लगाने के लिए अमेरिका,

यूके, फ़्रान्स, चीन रूस और जर्मनी के साथ ईरान ने JCPOA संधि में हस्ताक्षर किए।

इसके नियम के अनुसार ईरान पर नूक्लीअर हथियार बनाने पर रोक लगा दी गई और यूरेनियम

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का सिर्फ़ 3.67% मात्रा का उपयोग करने की अनुमति दी गई इतनी मात्रा का उपयोग सिर्फ़ विधुत उत्पादन में हो सकता था।

अमेरिका का JCPOA से बाहर होना-

यह संधि बराक ओबामा के समय में हस्ताक्षरित की गई थी परंतु बाद में ट्रम्प सरकार आई और 2018

में डॉनल्ड ट्रम्प ने महसूस किया कि यह संधि सिर्फ़ 10 साल तक रहेगी उसके बाद ईरान

फिर से हथियार बनाने शुरू कर देगा। इस से अमेरिका असुरक्षित था, अमेरिका ने इस संधि को नकारते

हुए इस संधि से ख़ुद को बाहर कर लिया और ईरान पर प्रतिबंध आरोपित कर दिए जिस से ईरान

की आर्थिक स्थिति बिगड़ने लगी। परंतु 5 देश अभी भी इस संधि को पूरी तरह से पालन कर रहे थे।

अभी हाल ही में हुए अमेरिका के चुनाव में ट्रम्प की हार एवं बाइडन की जीत से बाइडन फिर से इस संधि में हिस्सा बन ना चाह रहे है।

2018 में अमेरिका के इस संधि से बाहर होने के बाद अमेरिका और ईरान के सम्बन्ध काफ़ी

बिगड़ गए थे 2020 की शुरुआत में ईरान के जनरल क़ासिम सुलेमानी की अमेरिकी ऐर स्ट्राइक से

मृत्यु हो गई जिस से ईरान और अमेरिका के सम्बन्ध बहुत ज़्यादा बिगड़ गए। बात इस क़दर बिगड़ी

की युद्ध के हालात बन गए पर दोनो देशों ने ख़ुद पर क़ाबू रखा।

3 जनवरी को सुलेमानी की मृत्यु हुई इसके कारण ईरान, ईराक़, सीरिया, लेबनोन, यमन इत्यादि देशों मे लोग सड़कों पर उतरे।

अमेरिका का एयर क्राफ़्ट कैरियर NIMITz की पर्सियन गल्फ़ में तैनाती-

अमेरिका ने अभी ख़बर दी की वो अपना एयर क्राफ़्ट कैरियर निमिट्स को अभी थोड़े दिन

तक पर्सियन गल्फ़ में तैनात कर रखेगा। अमेरिका ऐसा सिर्फ़ और सिर्फ़ ईरान को चिढ़ाने

के लिए और उस पर नज़र रखने के लिए ही कर रहा है।

अब देखना होगा की बाइडन कैसे इस मुद्दे को हल करने की कोशिश करेंगे।

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