नयी दिल्ली 27 अप्रैल कांग्रेस ने न्यायमूर्ति जोसेफ को उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश न बनाये जाने पर काेलेजियम से उठ खडे होने का अाह्वान करते हुए आज कहा कि उसे जोसेफ के नाम की फिर से सिफारिश करके तत्काल सरकार को वापस भेज देना चाहिए।
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु संघवी ने यहां पार्टी मुख्यालय में प्रेस ब्रीफिंग में सरकार के इस कदम को न्यापालिका के इतिहास में सबसे निंदनीय अध्याय करार देते हुए कहा कि पहली बार किसी न्यायाधीश के फैसले को आधार बनाकर न्यायपालिका पर हमला किया गया है। सरकार ने इससे यह संदेश देने की कोशिश की है कि जाे भी उससे असहमति जताएगा उसे दंडित किया जाएगा।
श्री सिंघवी ने कहा कि न्यायमूर्ति जोसेफ को इसलिए दंडित किया गया है क्योंकि उन्होंने उत्तराखंड के मुख्य न्यायाधीश के रूप मे राज्य में राष्ट्रपति शासन के खिलाफ फैसला दिया था और मोदी सरकार उसे पचा नहीं सकी। उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश न बनाये जाने को न्यायपालिका पर सीधा हमला करार दिया। इसलिए संविधान की आत्मा तथा न्यायपालिका की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए उच्चतम न्यायालय के कोलेजियम को उठ खड़े होना चाहिए और न्यायमूर्ति जोसेफ सम्बन्धी सिफारश को तत्काल सरकार के पास वापस भेजना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस सरकार का संवैधानिक मूल्यों और संवैधानिक संस्थाओं में विश्वास नहीं है और न्यायपालिका को कमजोर करने के लिए वह गेम खेल रही है। इसलिए उच्चतम न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश आर एस लोढा़ न्यायमूर्ति टी एस ठाकुर और दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ए पी शाह ने सरकार ने सरकार के इस कदम की भर्त्सना की है।
उन्होंने कहा कि देश की यह पुकार है और वक्त की मांग है कि न्यायपालिका सरकार को इसका जवाब दे।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने न्यायमूर्ति जोसेफ की पदोन्नति न किये जाने के जो कारण बताये हैं वे निहायत ही निंदनीय है।
नीलिमा अरविंद जारीवार्ता
Previous articleऋतिक से टक्कर लेने के लिये क्या खास तैयारी कर रहे हैं टाइगर श्राफ
Next articleउस पर फैसला देने में करीब साढ़े चार माह का विलंब क्यों किया गया