पश्चिमी विक्षोभ
पश्चिमी विक्षोभ का भारत पर असर, मकरसंक्रांति रहेगी ठंडी

भारत की भौगोलिक स्थिति इस तरह है की ठंड को बढ़ाने के लिए भूमध्य सागर में होने वाली वर्षा का प्रभाव

भारत में पड़ने से भारत में ठंड और अधिक पड़ने लगती है है वैसे तो भारत में मुख्यतः ठंड का असर साईबेरियन

हवाओं के कारण ही होता है परंतु इस ठंड को उत्तर में हिमालय पर्वत शृंखला इसे आसानी से रेग्युलेट कर केटी है।

जब भारत में ठंड का मौसम होता है उस वक़्त भूमध्य सागर

में बारिश का मौसम होता है।

Today’s headlines in hindi पश्चिमी हवायें भारत की तरफ़ प्रवाहित होती है

तो भूमध्य सागर की आद्र पवने भारत की तरफ़ मुड़ जाती है

जिस से भारत के उत्तरी भाग में बारिश होने लगती है यही असर आपको तात्कालिक मौसम में दिखाई पड़ रहा होगा।

इसी कारण से दिल्ली में बारिश हो रही है और मध्यप्रदेश में मौसम ढका हुआ है।

मकर संक्रान्ति के दिन ठंड काफ़ी रहने का अनुमान भारतीय मौसम विभाग द्वारा लगाया गया है।

हालाँकि ज़्यादातर भारतीय मौसम विभाग अपने अनुमानों में असफल दिखाई पड़ता है

फिर भी हमें किसी ना किसी लैबोरेटॉरी के आँकड़ो में यक़ीन तो करना पड़ेगा।

इसी के कारण तापमान गिरने लगता है और ठंड अधिक पड़ती है।

पश्चिमी विक्षोभ के कारण बहुत बार तमिलनाडु ओड़िसा में भी बारिश होने लगती है

और इसी के कारण वहाँ बाढ़ जैसे हालत भी पैदा होने लगते है।

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