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MP government has also given people a shock of electricity after petrol

पेट्रोलियम पदाथरें में हो रही बढ़ोत्तरी के बीच मध्य प्रदेश की जनता को अब बिजली का झटका लगा है।

विद्युत नियामक आयोग ने बिजली दरों में 1.98 (एक दशमलव 98) प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की है।

नई दरें 26 दिसंबर से लागू होंगी। विद्युत विनियामक आयोग ने गुरुवार की रात को नई टैरिफ जारी की।

इसके मुताबिक, 30 यूनिट तक की बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ताओं पर किसी तरह का असर नहीं होगा।

वहीं उपभोक्ताओं को मीटर किराया नहीं देना होगा। पहले सिंगल फेस में 10 रुपए, थ्री-फेस में 25 रुपए और 10 किलोवाट

से ऊपर भार के उपभोक्ताओं को 125 रुपए महीने मीटर किराया लगता था।

नए टैरिफ के अनुसार, घरेलू उपभोक्ताओं पर प्रति यूनिट आठ पैसे से 15 पैसे की बढ़ोतरी की गई है,

इसके अलावा फिक्स चार्ज में भी एक से दो रुपए की बढ़ोतरी की गई है। 50 यूनिट तक बिजली

खर्च करने पर पांच रुपए अतिरिक्त देना होगा। इसी तरह 100 यूनिट पर 12 रुपए, 150 यूनिट पर 22.50 रुपए का असर पड़ेगा।

वहीं किसानों को 10 एचपी विद्युत भार तक 750 रुपए प्रति एचपी प्रतिवर्ष और इससे अधिक विद्युत

भार पर 1500 रुपए प्रति एचपी की दर से बिल देना होगा। पहले किसानों को 10 एचपी तक 700 रुपए

प्रति एचपी की दर से भुगतान करना पड़ता था। वहीं 10 एचपी से ऊपर 1400 रुपये प्रति एचपी प्रतिवर्ष देना होता था।

बिजली दरों के नए टैरिफ को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा, अबकी बार महंगाई से राहत देने वाली

सरकार का नारा देने वाली भाजपा जनता को महंगाई की आग में निरंतर झोंक रही है। पेट्रोल-डीजल की आसमान

छूती कीमतों के बाद रसोई गैस सिलेंडर के दामों में भारी वृद्घि और अब बिजली की दरो में वृद्घि।

उन्होने आगे कहा, महंगाई डायन खाय जात है का नारा देने वाले कोरोना काल में भी जनता को महंगाई की

मार के बोझ तले कुचल रहे है। कांग्रेस सरकार ने जनता को 100 रुपए में 100 यूनिट बिजली देकर राहत

प्रदान की थी लेकिन भाजपा सरकार ने बिजली महंगी कर जनता के साथ बड़ा धोखा किया है।

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