कौन हैं जयनाराण व्यास?
जय नारायण व्यास काफी लंबे समय से बीजेपी से जुड़े रहे हैं, जिस समय केशुभाई पटेल और नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, उस समय जय नारायण व्यास दोनों सरकारों में मंत्री रहे थे, वह गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री के पद पर भी रह चुके हैं, 2017 में उनका टिकट कटने से पहले वह 4 बार लगातार सिद्धपुर से विधायक रहे, कहा जाता है कि विजय रुपाणी के मुख्यमंत्री बनने के बाद से उन्हें साइडलाइन कर दिया गया था|
गुजरात के पूर्व मंत्री जय नारायण व्यास सोमवार को अपने बेटे समीर के साथ अहमदाबाद में पार्टी कार्यालय में कांग्रेस में शामिल हो गए। पिता-पुत्र की जोड़ी का पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सम्मानित किया।
गुजरात में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और 4 बार के विधायक जय नारायण व्यास अपने बेटे समीर व्यास (Sameer Vyas) के साथ सोमवार (28 नवंबर) को कांग्रेस (Congress) पार्टी में शामिल हो गए, उन्होंने इस महीने की शुरुआत में बीजेपी छोड़ दी थी, जय नारायण व्यास लंब समय से बीजेपी से जुड़े रहे थे|
2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उनका टिकट काट दिया था. उन्हें इस बात की उम्मीद थी कि इस बार के चुनाव में पार्टी उन्हें टिकट जरूर देगी, लेकिन इस बार भी उन्हें पार्टी की ओर से टिकट नहीं दिया गया, इससे नाराज नय नारायण व्यास ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया, जय नारायण व्यास ने बीजेपी से इस्तीफा देते हुए कहा था कि कांग्रेस या आम आदमी पार्टी (AAP) में शामिल होने के लिए उनके विकल्प खुले हैं, व्यास और उनके बेटे समीर को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने पार्टी की सदस्यता दिलाई, इस दौरान कांग्रेस के गुजरात प्रभारी अशोक गहलोत और केंद्रीय पर्यवेक्षक आलोक शर्मा भी मौजूद रहे|
जयनारायण व्यास ने अहमदाबाद में कांग्रेस दफ्तर में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राजस्थान के मुख्यमंत्री एवं गुजरात के प्रभारी अशोक गहलोत की मौजूदगी में कांग्रेस का हाथ थामा. इस दौरान खरगे ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इतने सालों में गुजरात में बदलाव लाने की बजाय बीजेपी ने केवल मुख्यमंत्री बदलने का काम किया है. बीजेपी ने छह साल में तीन सीएम बदल दिए. इसका मतलब साफ है कि बीजेपी ने गुजरात में कोई काम नहीं किया है.
दो चरणों में होगी वोटिंग
गुजरात में इस बार दो चरणों में वोटिंग होगी, गुजरात में पहले चरण की वोटिंग 1 दिसंबर को होगी, जबकि दूसरे चरण की वोटिंग 5 दिसंबर को होगी. वहीं, दोनों चरणों की मतगणना हिमाचल प्रदेश के साथ 8 दिसंबर को होगी,182 विधानसभा सीटों वाले गुजरात में आमतौर पर मुख्य लड़ाई भाजपा और कांग्रेस के बीच ही रही है. इस बार आम आदमी पार्टी ने भी पूरी ताकत झोंक दी है, बहुमत के लिए 92 सीटों की जरूरत होती है, 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 99, कांग्रेस को 77 सीटें मिलीं थी, छह सीटें निर्दलीय और अन्य के खाते में गई थीं