
2021 महामारी से पहले जितने भारतीय कामगार विदेश गए थे,
दुनियाभर में जैसे-जैसे बाजार खुल रहे हैं,
भारतीय वर्कर्स की मांग बढ़ रही है.
जानिए क्या कहते हैं आंकड़े
विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, रोजगार के लिए विदेश जाने वाले भारतीय वर्कर्स
की संख्या 3 साल पहले 94 हजार थी. जो अब बढ़कर 1 लाख 90 हजार पहुंच गई है.
ये आंकड़े उन देशों के हैं, जहां जाने के लिए भारतीय वर्कर्स को (ECR) इमिग्रेशन चेक रिक्वायर्ड पासपोर्ट लेना पड़ता है.
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किसे मिलता है ECR पासपोर्ट और क्या फायदे हैं
ऐसे वर्कर्स, जिन्होंने 10वीं तक की पढ़ाई नहीं की है,
उन्हें ईसीआर पासपोर्ट ( ECR Passport ) जारी किया जाता है.
इनके पासपोर्ट पर पासपोर्ट ऑफिस की विशेष मुहर की जरूरत होती है.
उन्हें ईसीएनआर ECNR की श्रेणी में रखते हैं.
ईसीआर ECR वाले देशों में विदेशी कामगारों के लिए कानून सख्त नहीं हैं.
ये वर्कर्स e-migrate सिस्टम से बाहर जाते हैं,
प्लम्बर, इलेक्ट्रिशियन, बढ़ई, बुनकरों जैसे वर्कर्स को इस पोर्टल के माध्यम से काम के लिए बाहर जाने की अप्पोटूनिटीज़ मिलती है.