चिलचिलाती गर्मी और धूप से बेहाल होने के बाद जब बारिश की पहली फुहार आती है तो हमारे देश में रहने वाले लगभग सभी लोग मानसून का बेसब्री से इंतजार करने लगते हैं। कई नए पेरेंट्स के लिए, उनके बच्चे (Child Immunity )का ये पहला मानसून हो सकता है और, यदि वे इतने बड़े हैं कि इसे एन्जॉय कर सकें तो उन्हें इस सीजन में बहुत मजा आएगा। लेकिन हर कोई ये जानता है कि बारिश का मौसम बीमारी फैलाने वाले जर्म्स (Disease causing Germs) और मच्छरों के पैदा होने का भी समय होता है। इसलिए बरसात के मौसम में बच्चे की एक्स्ट्रा देखभाल करने की जरूरत होती है।
बारिश का मौसम गर्मी से राहत दिलाता है, लेकिन साथ ही हवा में नमी की मात्रा भी बढ़ा देता है। तापमान में एकदम गिरावट आने की वजह से आराम तो मिलता है, लेकिन बढ़ी नमी के कारण जलन, बैक्टीरिया एलर्जी, फंगस इन्फेक्शन और रैशेस जैसी समस्याएं भी उत्पन्न होने लगती हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि इस उम्र में बच्चों की इम्यूनिटी (immunity booster syrup for child) और शक्ति बहुत कमजोर होती है। नवजात शिशु सबसे अधिक इन बीमारियों को कैच करते हैं, इसलिए उनकी सुरक्षा के लिए खास तैयारी की जानी चाहिए, ताकि हवा में नमी के कारण उन्हें इन्फेक्शन न हो।
बारिश के मौसम में अपने छोटे बच्चे की देखभाल करने के उपाय :-
1. घर और आसपास की साफ सफाई
घर के विभिन्न हिस्सों पर एक नजर डालें, जिसमें गार्डन, बाथरूम या बालकनी की साफ सफाई का ध्यान रखें और साथ ही चेक करें कि कहीं लंबे समय तक पानी न जमा रहे खासकर किसी गड्ढे और अंधेरे वाले कॉर्नर में, क्योंकि ऐसी जगह मच्छरों और फंगल इंफेक्शन के पनपने का खतरा रहता है। जमाव और ओवरफ्लो से बचने के लिए अपने घर की सभी नालियों को साफ करें।
2. ब्रेस्टफीडिंग मां हेल्दी डाइट ले , फीड भी जरुर कराए
जितना संभव हो सके बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराएं क्योंकि यह आपके बच्चे को एंटीबॉडी, विटामिन और मिनरल जैसे न्यूट्रिएंट प्रदान करती है, जो बच्चे को बीमारियों से प्रोटेक्ट करने में मदद करते हैं। इसलिए एक माँ को अच्छी डाइट लेनी चाहिए क्योंकि बच्चे को न्यूट्रिएंट माँ के दूध के जरिए प्राप्त होते हैं।
3. इंफेक्शन से कैसे बचे
बुखार , शरीर में दर्द, छींक आना आदि मानसून से जुड़ी बीमारियों के आम लक्षण हैं और वायरल बीमारियों का भी कारण बनते हैं। अपने डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें कि आप बच्चे को इंफेक्शन होने से बचाने के लिए क्या करें। घरेलू उपचार में काढ़े का सेवन साथ ही विक्स की भाप भी दी जा सकती है।
4. मच्छरों से बचाव भी है जरुरी
मच्छर के काटने से बच्चे को काफी दर्द हो सकता है और इससे उसकी त्वचा पर चकत्ते पड़कर सूजन हो सकती है। बच्चे के पालने में मच्छरदानी लगाएं, ताकि वह बिना किसी परेशानी के सो सकें। शाम होने पर उसे पूरी बांह के कपड़ों से कवर करें। यदि आपके पास नेचुरल इंग्रीडिएंट से बना मॉस्किटो रेपेलेंट है, तो आप उसे भी यूज कर सकती हैं।
5. सुनिश्चित करें कि कपड़ो में नमी ना हो
नैपी को बार बार बदला जाता है, लेकिन हवा में उमस होने के कारण अक्सर यह ठीक से सूख नहीं पाती है। इससे नैपी में नमी रह जाती है और पहनने पर ठंडा लगता है। तो बच्चे को ठंड लगने से बचाने के लिए आप उसके कपड़ों को रखने से पहले आयरन कर दें। इससे मॉइस्चर हट जाएगा और कपड़े पहनाते समय हल्का गर्म भी महसूस होगा जो बेबी को एक्स्ट्रा कोजी फील देगा।
6. हमेशा ताजा खाना तैयार करें
बच्चा अगर बड़ा हो चुका है जिन्हे साॅलिड फूड देना शुरू कर दिया गया है, उन्हें हर मील में फ्रेश खाना देना बहुत जरूरी है। उबले हुए पानी में खाना बनाने से इंफेक्शन होने का खतरा कम हो जाता है। बच्चे द्वारा उपयोग किए जाने वाले सभी बर्तन स्टर्लाइज्ड करें।
यह भी सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा किसी खास पोलेंस या एलर्जंस से दूर रहे, जिससे आपका बच्चा एलर्जिक हो। अगर आपको कोई रैश, लालपन या अन्य कोई लक्षण नज़र आते हैं तो तुरंत ही अपने डॉक्टर से सलाह लें।
7. नाखून की सफाई
बच्चे अक्सर अपना हाथ अपने मुंह में डालते रहते हैं। इसलिए बच्चे के हाथ हमेशा साफ रखें। उनके नाखून बड़े न होने दें, क्योंकि बढ़े हुए नाखूनों में मैल इत्यादि इकट्ठा हो जाता है, जो बहुत सारे कीटाणुओं की वजह बनता है। बच्चे जब मुंह में हाथ डालते हैं तो ये कीटाणु बच्चे के पेट में जाकर कई बीमारियों को बुलावा देते हैं।
बारिश के मौसम में अपने शिशु की देखभाल की बात करें तो स्वच्छता सबसे महत्त्वपूर्ण होती है। अपने बच्चे को इस समय खुश और सुरक्षित रखना बहुत कठिन हो सकता है, लेकिन थोड़ी सी मेहनत, कुछ प्रीकॉशनरी स्टेप्स और सही प्लानिंग से आप इस मुश्किल समय में भी अपने बच्चे को स्वस्थ रख सकते हैं।