MP Election 2023: भगवा को लेकर BJP-कांग्रेस में हुई तनातनी, कमलनाथ को कहा नौटंकी

MP Election 2023: भगवा को लेकर BJP-कांग्रेस में हुई तनातनी, कमलनाथ को कहा नौटंकी
MP Election 2023: भगवा को लेकर BJP-कांग्रेस में हुई तनातनी, कमलनाथ को कहा नौटंकी

MP Election 2023 मध्यप्रदेश में इसी वर्ष विधानसभा के चुनाव होने हैं। जिसको लेकर सियासत का बाजार गर्म है। भोपाल में पंडितों ने कमलनाथ से भेंट की, स्वागत के तौर पर कमलनाथ को भगवा रंग का शॉल ओढ़ाया गया। फिर क्या था मामले को लेकर सियासत ने तूल पकड़ लिया। BJP ने मौके को हाथ से गंवाने की बजाए इसे अपना हथियार बना लिया और कमलनाथ को भगवामय होने को चुनावी नौटंकी कह दिया।

इस कारण हुई बहस

दरअसल कमलनाथ ने ब्राम्हणों के एक प्रतिनिधि मंडल से भोपाल में भेंट की। इस दौरान विप्रबंधुओं ने भगवा रंग की शॉल कमलनाथ को ओढ़ा दी। शॉल ओढ़ाते हुए विप्रों ने मंत्रोच्चार भी किया। इसके बाद कमलनाथ ने जब पंडितों को दक्षिणा देनी चाही, तो उन्होंने इंकार करते हुए कहा कि अब मुख्यमंत्री बनने के बाद ही दक्षिणा लेंगे।

बीजेपी ने निशाना साधते हुए कहा…

गौरतलब है कि एमपी में इसी साल विधानसभा चुनाव हैं। इससे पहले ही राज्य में एक बार फिर से भगवा को लेकर सियासत तेज हो गई है। कमलनाथ और कांग्रेस ने बीजेपी को आढ़े हाथों लेते हुए कहा कि भगवा किसी पार्टी का अधिकार नहीं है। कांग्रेस भी इसका का सम्मान करती है। फिर क्या बीजेपी-कांग्रेस के नेताओं ने एक-दूसरे पर आरोप मढ़ने शुरु कर दिए।

कमलनाथ को बताया नौटंकी

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कमलनाथ के भगवामय को चुनावी नौटंकी बताया है। मंत्री ने कांग्रेस को टारगेट करते हुए कहा कि जब चुनाव आते हैं, तो कांग्रेस को भगवा की याद आती है, बाकी पूरे साल इन लोगों को कुछ नहीं होता। ये कांग्रेसी सिर्फ बयान वीर बने रहते हैं, पांच साल जनता के पास भटकते तक नहीं हैं। अब जनता इनको समझ चुकी है।

कांग्रेस का बीजेपी पर पटलवार

मंत्री के आरोप लगाने के बाद भला कांग्रेस कैसे चुप रहती। कांग्रेस ने भी बीजेपी पर पलटवार करते हुए बीजेपी को जमकर खरी खोटी सुना डाली। कांग्रेस नेता अजय सिंह यादव ने कहा कि भगवा कांग्रेस पार्टी के लिए आस्था और सम्मान का प्रतीक है। जबकि बीजेपी भगवा की राजनीति में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी भगवा की इज्जत करती है और बीजेपी पार्टी पाखंडी है। बता दें कि साल के आखिरी महीने में चुनाव हैं, जिसके चलते पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप लगाने में लगी हैं। फिलहाल देखना होगा कि चुनावी ऊंट किस ओर करवट लेता है।