मुस्लिम महासभा मध्य प्रदेश ने मनाया अल्लमा इक़बाल की यौमे पैदाइश
मुस्लिम महासभा भोपाल जिला अध्यक्ष मोहम्मद अली की अध्यक्षता में अल्लमा इक़बाल
को उनकी यौमे पैदाइश (उर्दू दिवस) पर याद किया गया जिसमें मुस्लिम महासभा प्रदेश अध्यक्ष मुनव्वर अली ख़ान ने अल्लामां इक़बाल की सालगिरह पर मुस्लिम समाज से अपील की है कि जिस तरह हम अपनी सालगिराह को याद रखते हैं ऐसे ही इक़बाल साहब की यौमे पैदाइश को याद रखा जाए और साल के 365 दिन उनकी तालिमात को अपनी ज़िंदगी में उतारा जाए।
प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष मोहतरमा रशीदा ख़ानम ने कहा के इक़बाल साहब का उर्दू और फारसी
की शायरी में कोई सानी नहीं है उनकी नज़्म “सारे जहाँ से अच्छा हिंदोस्तां हमारा,
हम बुल बुले हैं इसके ये गुल सिताँ हमारा” आज भी देश में गायी जाती है।
महासचिव इरशाद अली ख़ान ने इक़बाल साहब की एकता और भाई चारे की
शायरी को याद करते हुए उनके इस शेर को याद किया “हे राम के वुजूद पे हिंदुस्तान को नाज़,
अहल- ए- नज़र समझते हैं इस को ईमाम- ए – हिंद,
सचिव युसुफ खानखान ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए अल्लामा इक़बाल की कई नज़्में सुनाई।
प्रदेश संघठन मंत्री फहीम ख़ान ने कहा के उनका शेर “खुदी को कर बुलंद इतना के हर तक़दीर से पहले,
खुदा बन्दे से ये पूछे बता तेरी रज़ा क्या है” नौजवानों में खुद-एतेमादि पैदा करता है।
उनको याद करते हुए भोपाल जिला अध्यक्ष मोहम्मद अली ने कहा “हज़ारों साल नर्गिस अपनी बेनूरी पे रोती है,
बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदावर पैदा” आज इक़बाल साहब पर पूरी तरहा लागू होता है।
जिला उपाध्यक्ष मुबीन् खानखान ने कहा के नयी नस्लों को इक़बाल साहब को पढ़ना चाहिए और उनकी
तालिमात् को अपनी जिंदगी में उतार लेना चाहिए। जिला कार्य कारिणी सदस्य आज़म गौरी ने बताया के
जिस दौर हम अंग्रेज़ों से आज़ादी की लड़ाई लड़ रहे थे उस दौर में अल्लामां इक़बाल साहब की शायरी ने
क्रांतिकारीयों में एक ज़बरदस्त जोश भर दिया था। एडवोकेट वासिद् खान,ने कहा” नही है
न उम्मीद इक़बाल अपनी किश्ते वीराँ से, ज़रा नम हो तो ये मिट्टी बहुत ज़रखेज़ है
साकी ” नौजवानों को ना-उम्मीदी से बचाता है।
इत्तेहाद यूथ क्लब के अध्यक्ष हुज़ेर कुरेशी ने कहा कि जिस इक़बाल ने अपनी पूरी जिंदगी
कौम को जगाने में लगा दी हो आज उसी कौम ने उनको भुला दिया,
मुस्लिम महासभा के इस क़दम की जितनी तारीफ की जाय कम है।
पत्रकार अब्दुल्ला ख़ान ने कहा के इक़बाल साहब की शायरी ने देश प्रेम की ज्वाला को जगाया था
एवं उनके फलसफे पूरी इंसानियत को जोड़ने के थे कोई भेद भाव नहीं था।
इस प्रोग्राम का समापन इक़बाल साहब के लिखे राष्ट्रीय तराने
*सारे जहाँ से अच्छा हिंदोस्तां हमारा से किया गया।
भवदीय
यूसुफ खाँन
प्रदेश सचिव
मुस्लिम महासभा, मध्यप्रदेश
सम्पर्क -9329792929