प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कोच्चि में कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत, आईएनएस विक्रांत (INS VIKRANT) का उद्घाटन किया।
भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में आईएनएस विक्रांत का सेवा में आना रक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है ।
आईएनएस विक्रांत पर विमान उतारने का परीक्षण नवंबर में शुरू होगा, जो 2023 के मध्य तक पूरा हो जाएगा ।
वारशिप डिजाईन ब्यूरो (WDB) द्वारा डिजाइनड और कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा निर्मित विक्रांत

भारतीय नौसेना (Indian Navy) के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा जहाज है ।
विक्रांत के निर्माण के साथ ही भारत उन देशों में शामिल हो गया है जिनके पास स्वदेशी रुप से विमान और वाहक निर्मित करने की दक्षता है।
विक्रांत आत्मनिर्भर भारत का बेहतरीन उदाहरण है जो मेक इन इंडिया (Make in India ) श्रृंखलाओं पर ध्यान आकर्षित करता है।

पीएम मोदी ने कहा, विक्रांत बड़ा और भव्य है विक्रांत अलग है, विक्रांत खास है। विक्रांत सिर्फ एक युद्धपोत नहीं है, यह 21वीं सदी के भारत की कड़ी मेहनत, प्रतिभा, प्रभाव और प्रतिबद्धता का प्रमाण है।”
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने अपने संबोधन में कहा, सेनाओं में बदलाव आ रहा है।
उसका एक पक्ष ये भी विक्रांत जब हमारे समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा के लिए उतरेगा,
तो उस पर नौसेना की अनेक महिला सैनिक भी तैनात रहेंगी।
समंदर की अथाह शक्ति के साथ असीम महिला शक्ति, ये नए भारत की बुलंद पहचान बन रही है।
अब तक भारतीय नौसेना के ध्वज पर गुलामी की पहचान बनी हुई थी ।
आज भारत ने गुलामी के एक निशान गुलामी के एक बोझ को अपने सीने से उतार दिया है। आज से छत्रपति शिवाजी से प्रेरित,
नौसेना का नया ध्वज (New flag) समंदर और आसमान में लहराएगा। केरल के समुद्री तट पर पूरा भारत एक नए भविष्य के सूर्योदय का साक्षी बन रहा है।

INS विक्रांत पर हो रहा यह आयोजन, विश्व क्षितिज पर भारत के बुलंद होते हौसलों की हुंकार है ।
पीएम के ओफिशिएल ट्विटर हैंडल से जानकारी और कुछ तस्वीरें भी सांझा हुई ।
वही दूसरी ओर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा
कि भारतीय नौसेना हमेशा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के संकटों के लिए पहली प्रतिक्रिया के रूप में तैयार है ।
आईएनएस विक्रांत के चालू होने से भारतीय नौसेना की क्षमता और मजबूत होगी ।