श्रद्धा की whatsapp Message Chat से मारपीट का हुआ खुलासा लिखा मैं बिस्तर से भी नहीं उठ पा रही

श्रद्धा की whatsapp Message Chat से मारपीट का हुआ खुलासा लिखा मैं बिस्तर से भी नहीं उठ पा रही
श्रद्धा की whatsapp Message Chat से मारपीट का हुआ खुलासा लिखा मैं बिस्तर से भी नहीं उठ पा रही

श्रद्धा और अफताब के मामले में एक नया मोड़ सामने आया|

Shraddha Murder Case Live update: मर्डर केस में हर रोज नए राज खुलती नजर आ रहे हैं जी अब श्रद्धा के द्वारा की गई सारी बातों का पता चल रहा है कि श्रद्धा के साथ क्या-क्या हुआ खुलासे में श्रद्धा के चैट (Shraddha whatsapp chat screenshot) से पता चला कि उसने अपने बीच में हो रही घटना की जानकारी अपनी एक सहायक मित्र से साझा की थी जिसमें उसने अपने आप को अस्वस्थ होने के कारण बताया था और आफताब से मारपीट होने की बात कही थी और और कुछ दिनों के लिए ऑफिस ना आने की बात पर उसने यह भी लिखा था की मारपीट के दौरान उसके शरीर में चोटें आई हैं और उसके और उसका शरीर दर्द हो रहा है जिसकी वजह से वह बिस्तर से नहीं उठ पा रही है वही मिली जानकारी के अनुसार पुलिस का कहना है कि मारपीट के दौरान श्रद्धा को इलाज के लिए एक अस्पताल में एडमिट करना पड़ा था वही जांचकर्ता के मुताबिक यह सारी चैटिंग उस समय की है जब वे मुंबई के पास वसई में एक साथ रहते थे|

मैसेज ने किया खुलासा

बताते चलें कि एक चैट के दौरान उसने अपनी तस्वीर में बात लिखी थी जिसमें उसके चेहरे पर काफी छोटे और निशान दिखाई दे रहे हैं उसने अपने करीबी से बताया कि अगर कहीं अफताब आज चला जाएगा तो वह अपने माता-पिता से बात करने की इच्छा जता रही थी जिससे यह मालूम चलता है कि उनके बीच की के रिश्ते अब अच्छे नहीं थे

सारी बातें शेयर करने के बाद श्रद्धा के दोस्त ने श्रद्धा को ढांढस देते हुए कहा कि वह अपनी मां और बहन से उसकी मदद के लिए कहेगा
इसी दौरान 3 दिसंबर से 6 दिसंबर के बीच मुंबई के एक अस्पताल में इलाज के लिए एडमिट थी जिसके रिकॉर्ड में पता चला है कि वह वहां पर भर्ती थी उस समय केवल उसके हल्की-फुल्की चोटें आई थी

वही श्रद्धा के करीबी दोस्त राहुल का कहना है कि श्रद्धा के गले में एक घाव था जिसकी वजह से यह लग रहा था कि अफताब लगातार उसके साथ मारपीट करता और उसको प्रताड़ित करता था

कोर्ट के क्या आदेश

वही कोर्ट ने अफताब के
नार्को टेस्ट का आदेश कर दिया है

क्यों किया जाता है नार्को टेस्ट

यह टेस्ट आरोपी की रजामंदी से करवाया जाता है और कोर्ट इसका आदेश तभी देती है जब आरोपी या टेस्ट कराने को राजी होता है और यह टेस्ट कराने को लेकर अफताब ने हामी भरी जिसकी वजह से कोर्ट ने टेस्ट कराने को कहा है और थर्ड डिग्री ना दिया जाए।