‘आप’ (AAP) के विधायकों ने कथित ‘ऑपरेशन लोटस’ (operation lotus) की सीबीआई CBI जांच की मांग को लेकर नारेबाजी की,
जिसके बाद सदन की कार्यवाही बुधवार को सदन में भारी हंगामे के चलते बाधित होने के बाद बृहस्पतिवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
ज्ञात हो की आप पार्टी द्वारा सदन में प्ले कार्ड दिखाए साथ ही जमकर बवाल भी हुआ।

गौरतलब है कि दिल्ली में शराब घोटाले को लेकर आप और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में जमकर वार-पलटवार हो रहा है।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कथित ‘ऑपरेशन लोटस’ की जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा कराई जाने की मांग को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP Party) के विधायक सदन में नारेबाजी कर रहे थे। भाजपा ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की है, जिसका ‘आप’ ने भी समर्थन किया।
भाजपा ने इससे पहले एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि 20 करोड़ रुपये की पेशकश किए जाने का दावा करने वाले ‘आप’ के विधायकों का ‘लाई डिटेक्टर टेस्ट’ कराना चाहिए।
सदन की कार्यवाही शुरु होते ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक विजेंद्र गुप्ता ने विधानसभा की उपाध्यक्ष राखी बिड़ला से उनके प्रस्ताव पर गौर करने को कहा, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP Party) की विधायक आतिशी ने भाजपा के कथित ‘ऑपरेशन लोटस’ का मुद्दा उठाने की कोशिश की।
विपक्षी दल के विधायकों ने इसका विरोध किया।
दोनों पक्षों के नारेबाजी करने पर बिड़ला ने सदन की कार्यवाही पूर्वाह्न साढ़े 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
आतिशी ने आरोप लगाया कि भाजपा एक ‘‘नारी विरोधी पार्टी है,
क्योंकि उसके सदस्य एक महिला को अपनी बात नहीं रखने दे रहे, वह भी तब जब आसन पर मौजूद विधानसभा की उपाध्यक्ष खुद एक महिला हैं।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा अपने ‘‘ ऑपरेशन लोटस के जरिए दिल्ली सरकार को गिराना चाहती है, जिसे अंजाम देने के तीन तरीके हैं
केंद्रीय एजेंसियों (सीबीआई, ईडी, CBI ,ED आयकर विभाग) का इस्तेमाल करना, सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों को डराना और उन्हें लालच देना।
आतिशी ने कहा, ‘‘ हमारे विधायकों को ‘आप’ छोड़ने के लिए 20 से 25 करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी।
क्या यह वही लोकतंत्र है, जिसकी प्रधानमंत्री ने लाल किले से बात की थी।
ये ऐसा पहली बार नहीं कर रहे हैं। उन्होंने मणिपुर, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, गोवा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश में भी ऐसा ही किया था।’’
उन्होंने आगे कहा , ‘‘ ऑपरेशन लोटस के तहत भाजपा ने 277 विधायक 6300 करोड़ रुपये में खरीदे।
ये पैसा उन्होंने ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी करके एकत्रित किया था।’’

दिल्ली के राजेंद्रनगर विधानसभा सीट के विधायक दुर्गेश पाठक ने राज्य के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।
उन्होनें मांग की जांच होने तक उपराज्यपाल को उनके पद से हटा दिया जाना चाहिए।
पाठक ने विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान कहा कि एलजी ने नोटबंदी के समय 14 सौ करोड़ रुपये से ज्यादा का भ्रष्टाचार कैसे किया? उन्होंने दावा किया दो कैशियर का बयान है कि उस समय के खादी ग्रामोद्योग के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना के दबाव में 7 हजार ब्रांच में नोट बदले गए थे। पाठक ने कहा कि कैशियर संजीव कुमार और प्रदीप यादव को सलाम जिन्होंने इस घोटाले को उजागर किया।
पाठक ने दावा किया कि 14 सौ करोड़ रुपये के घोटाले की खबर उजागर करने वाले बहुत गरीब थे लेकिन हिम्मत नहीं हारी ।
इसके बाद दोनों शिकायतकर्ताओं को सस्पेंड कर दिया गया और भ्रष्ट साथियों को प्रमोशन दे दिया।

पाठक ने कहा, ‘‘ हम आप विधायकों के पैसे की पेशकश के आरोपों की जांच की भाजपा के सांसद की मांग का समर्थन करते हैं।’’
पार्टी के विधायक कुलदीप कुमार ने आरोप लगाया कि उन्होंने जब भाजपा के 20 करोड़ रुपये
का प्रस्ताव ठुकरा दिया, तो ‘‘ उन्होंने मुझे झूठे मामले में फंसाने और जेल भेजने की धमकी दी ।”
गत शुक्रवार से शुरू हुए विशेष सत्र का यह तीसरा दिन है।
सत्र में सत्तारूढ़ आप और भाजपा के विधायकों का लगातार हंगामा जारी है,
जिस कारण कई बार कार्यवाही बाधित हुई है।
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