भोपाल । मप्र विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही भी सत्तापक्ष और विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ गई।

विधानसभा की कार्यवाही जैसे ही प्रारंभ हुई, संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इमरजेंसी की वर्षगांठ  (आपातकाल) का जिक्र करते हुए आसंदी की ओर मुखातिब होकर कहा कि अध्यक्ष जी, आज ही वो काला दिन है जब तानाशाह महिला इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी लगाई थी। गांधी परिवार ने देश की जनता, न्यायपालिका, कार्यपालिका और मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिए थे। आज ही के दिन भारतीय लोकतंत्र की हत्या कर दी गई थी।

कांग्रेस लोकतंत्र की हत्यारी है। आज ही के दिन बेकसूर लोगों को जेल में डाला गया। संसदीय कार्यमंत्री के इतना कहते ही विपक्षी सदस्य उत्तेजित होकर शोरशराबा करने लगे। उन्होंने इस विषय की प्रासंगिकता पर सवाल खडे कर दिए। कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक बालाबच्चन ने कहा कि सरकार प्रश्नकाल नहीं चलने देना चाह रही है इसीलिए इस तरह के मुददे उठा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा नहीं होने देना चाहती है ताकि उसे जवाब नहीं देना पडे।

उन्होंने इसे सदन के समय की बर्बादी बताया।

नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि ये सदन में बहुत गलत परंपरा कायम हो रही है। इसी बीच ग्रहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि इमरजेंसी के लिए गांधी परिवार की भर्त्सना होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेताओं को इस क्रत्य के लिए देश की जनता से माफी मांगना चाहिए। इस दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्य अपनी-अपनी सीट से खडे होकर जोर-जोर से शोरशराबा करने लगे। विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीतासरन शर्मा ने दोनों पक्षों से प्रश्नोत्तरकाल चलने देने के लिए कहा लेकिन उनकी बात का कोई असर नहीं होता देख उन्होंने सदन की कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित कर दी।

इसके बाद दुबारा सदन की कार्यवाही प्रारंभ हुई तो पुन

शोरशराब शुरु हो गया। जिसपर अध्यक्ष ने एक बार फिर से दोनों पक्षों से प्रश्नोत्तरकाल की कार्यवाही चलने देने को कहा। इसके बाद संसदीय कार्यमंत्री श्री मिश्रा ने कहा कि अध्यक्ष जी, हम प्रश्नोत्तरकाल बाधित नहीं करना चाहते हैं हम तो बस इतना चाहते हैं कि हमारी बात रिकार्ड में आ जाए। इसी बीच कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत भी जोर-जोर से बोलने लगे।

उन्होंने कहा कि गांधी जी के हत्यारे तुम आरएसएस के लोग हो। वहीं नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि आरएसएस के बाला साहेब देवरस ने भी आपातकाल को सही ठहराया था।हंगामा बढता देख विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दूसरी बार आधा घंटे के लिए स्थगित कर दी।

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