भोपाल
मुख्यमंत्री बाल ह्रदय उपचार योजना से छिन्दवाड़ा जिले के ग्राम थुनिया का प्रद्युमय भट्ट और राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम से उज्जैन जिले के प्रताप नगर पंवासा का लावेश नई जिंदगी में प्रवेश कर गये हैं।
प्रद्युमय के पिता पवन भट्ट बताते हैं कि यह मालूम होते हुए कि बेटा ह्रदय रोग का शिकार है, हम आर्थिक कमजोरी की वजह से इलाज करवाने में असमर्थ थे। एक दिन आरबीएसके की गाँव आई टीम ने बताया कि उनके बेटे का नि:शुल्क उपचार किया जायेगा। भोपाल के चिरायु अस्पताल में नि:शुल्क सर्जरी हुई, जिसका डेढ़ लाख का खर्च सरकार ने उठाया। मोबाइल टीम के चिकित्सकों द्वारा लगातार प्रद्युमय की जाँच भी जारी रही। अब पवन भट्ट प्रसन्न हैं कि उनका बेटा स्वस्थ हो गया है, घर में खुशियाँ वापस आ गई हैं।
लावेश की माँ रेखा सिसोदिया बताती हैं कि जब मेरे बेटे लावेश का जन्म हुआ तो घर में रौनक आ गई। जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता गया, तो समझ में आया कि बच्चा मूक-बधिर है। डॉक्टरों ने काकलियर इम्पलांट की सलाह दी। इस मशीन को लगवाने का खर्च 6-7 लाख रुपये था, जो हमारी हैसियत के बाहर की बात थी। उज्जैन के जिला चिकित्सालय में चेकअप कराने पर चिकित्सकों ने इंदौर के निजी अस्पताल में नि:शुल्क काकलियर इम्पलांट की व्यवस्था की। सितम्बर-2017 में सर्जरी के बाद लावेश को स्पीच-थैरेपी दी गई। नया साल रेखा के लिये खुशियाँ लाया जब उनके बेटे लावेश ने पहली बार अपनी मीठी जुबान से माँ को पुकारा।
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