मोदी के खिलाफ तेज बहादुर यादव का नामांकन

वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ तेज बहादुर यादव का नामांकन रद्द होने पर प्रतिक्रिया देते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा राष्ट्रवाद की बात करती है

मगर मोदी के खिलाफ एक जवान को नहीं बर्दाश्त कर सकती। ज्ञात रहे कि तेज बहादुर यादव एसपी-बीएसपी गठबंधन के उम्मीदवार और पूर्व बीएसएफ जवान हैं।
सपा अध्यक्ष ने कहा, ‘अगर भाजपा राष्ट्रवाद के नाम पर वोट मांग सकती है, तो एक जवान का सामना करने में उसे क्या दिक्कत है? अगर भाजपा इतनी ही देशभक्त है तो उसे एक जवान का चुनाव में सामना करना चाहिए था।’

अखिलेश ने कहा, ‘भाजपा तेज बहादुर के खिलाफ लड़ने से डर रही है, क्योंकि उसे मालूम है कि वह कठिन सवाल पूछते।

पूर्व बीएसएफ जवान पूछता कि देश के लिए बुलेट ट्रेन जरूरी है या बुलेटप्रूफ जैकेट।’ उन्होंने कहा कि तेज बहादुर की सिर्फ इतनी गलती थी कि उसने खाने की गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा, ‘भाजपा सरकार ने इतनी सी बात पर उन्हें बीएसएफ से निकाल दिया। वाराणसी के लोग ऐसी मानसिकता को अपना समर्थन नहीं देंगे।’

इसके अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री और 2014 में मोदी को वाराणसी से आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनौती दे चुके अरविंद केजरीवाल ने भी तेज बहादुर के बहाने मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट किया, ‘इतिहास में ऐसे कम मौक़े होंगे जब किसी देश का जवान अपने प्रधानमंत्री को चुनौती देने को मजबूर हो।

इतिहास में यह पहला मौका है कि एक प्रधानमंत्री एक जवान से इस कदर डर गए कि उसका मुकाबला करने की बजाए तकनीकी गलतियां निकालकर उसका नामांकन रद्द करा दिया। मोदी जी, आप तो बहुत कमजोर निकले। देश का जवान जीत गया।

ज्ञात रहे कि बुधवार को वाराणसी के रिटर्निंग ऑफिसर सुरेंद्र सिंह ने पूर्व बीएसएफ जवान और एसपी के टिकट पर उम्मीदवार तेज बहादुर यादव का नामांकन रद्द कर दिया था। नामांकन पत्रों की जांच के बाद तेज बहादुर यादव द्वारा दाखिल दो नामांकन पत्रों में बीएसएफ से बर्खास्तगी की दो अलग-अलग जानकारी सामने आई थी।

इसके बाद उन्हें 24 घंटे के अंदर बीएसएफ से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेकर जवाब देने को कहा गया था। तेज बहादुर से नोटिस में कहा गया था कि वह बीएसएफ से एनओसी लेकर आएं, जिसमें यह साफ किया गया हो कि उन्हें किस वजह से नौकरी से बर्खास्त किया गया था।

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