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नई दिल्ली -भले ही आम आदमी पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए रणनीति बना रही हो, लेकिन विधानसभा नतीजे पार्टी के लिए खास नहीं रहे हैं।


पार्टी ने जिन तीन राज्यों में चुनाव लड़ा था,वहां अधिकांश उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई है। उनके सभी उम्मीदवारों के वोट को जोड़ दिया जाए तो भी उन्हें राज्यों में नोटा से भी कम वोट मिले हैं। आम आदमी पार्टी ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ने की बात कही थी।

उसने राजस्थान में 142 सीटों पर, मध्य प्रदेश में 208 और छत्तीसगढ़ में 85 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक गोपाल राय ने इन राज्यों में मेहनत भी की थी। मगर अब जो नतीजे सामने आए हैं, वह उम्मीद से भी कम आंके गए हैं। नतीजों पर नजर डालें तो ‘आप’ का सबसे बेहतर प्रदर्शन छत्तीसगढ़ में रहा है।

यहां पर शाम छह बजे तक हुई मतगणना के मुताबिक, कुल पड़े मतों का महज 0.9 फीसदी वोट ही मिला है।

 छत्तीगढ़ में नोटा पर ही 2.1 फीसदी वोट मिला है। हालांकि पार्टी का कहना है कि यह तुलना करना ठीक नहीं है, क्योंकि नोटा सभी सीटों का जोड़ा जाता है। हमने 90 में से महज 85 सीटों पर ही चुनाव लड़े थे। इसी तरह मध्य प्रदेश में महज 0.7 फीसदी और राजस्थान में 0.4 फीसदी वोट मिले हैं।

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