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Boycott of Lok Sabha elections

“Vote” आज के दौर में मोबाइल एक जरूरत बन गया है। लोग मोबाइल के जरिए घर बैठे ही कई काम कर लेते हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में एक ऐसा क्षेत्र है जहां 30 हजार से ज्यादा लोग मोबाइल के बिना अपना जीवन गुजार रहे हैं। यह क्षेत्र मोतीपुर तहसील के इंडो-नेपाल बॉर्डर इलाके का है।

यहां रहने वाले लोगों को सरकार ने कई योजनाएं दी हैं, लेकिन संचार व्यवस्था न होने से वे दुनिया से कटे-कटे हुए महसूस करते हैं। नेटवर्क की समस्या को लेकर ग्रामीणों ने प्रशासन को कई बार पत्र लिखा है, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ है।

इससे परेशान होकर ग्रामीणों ने अब यह ठाना है कि जब तक समस्या का समाधान नहीं हो जाता, वे मतदान नहीं करेंगे। उन्होंने हाल ही में होने वाले लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने की घोषणा की है।

ग्रामीणों का कहना है कि जब तक उन्हें मोबाइल कनेक्टिविटी नहीं मिल जाती, वे मतदान नहीं करेंगे। इस क्षेत्र के गांवों में बर्दिया, आमा, विशुनापुर, फ़क़ीरपुरी, बिछिया, रमपुरवा मटेही, भवानीपुर, कैलाश पुरी, भरथापुर शामिल हैं।

इन गांवों के ग्राम प्रधानों ने भी ग्रामीणों का साथ देते हुए लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। ग्रामीणों का कहना है कि मोबाइल नेटवर्क न होने के कारण उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

उन्हें अपने बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी के लिए बाहर जाना पड़ता है। लड़के-लड़कियों की शादी के लिए भी रिश्तेदार नहीं मिल पाते हैं।

ग्रामीणों ने मांग की है कि सरकार इस क्षेत्र में जल्द से जल्द मोबाइल टावर लगाकर उन्हें मोबाइल कनेक्टिविटी प्रदान करे।

यह क्षेत्र इंडो-नेपाल बॉर्डर पर होने के कारण सुरक्षा के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है। मोबाइल नेटवर्क न होने से सुरक्षा बलों को भी परेशानी होती है।

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