मध्य और पश्चिम रेलवे
मध्य और पश्चिम रेलवे ने चलायी 1,757 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें,25 लाख प्रवासी मजदूर पहुंचे अपने घर

कोरोना के चलते देशभर में २४ मार्च से लागू लॉक डाउन का सबसे ज्यादा असर प्रवासी मजदूरों पर पड़ा है और रोजगार नहीं होने से अधिकाँश मजदूर अपने गांव चले गए हैं. महाराष्ट्र सरकार ने बीते २ मई से 29 मई तक मध्य और पश्चिम रेलवे के मार्फ़त 1,757 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से 24 लाख, 74 हजार, 643 प्रवासी मजदूरों और उनके परिजनों को उनके गृह राज्य में पहुंचाया।

इनमें पश्चिम रेलवे ने महाराष्ट्र और गुजरात से 1,183 श्रमिक विशेष ट्रेनें चलाईं।

इन ट्रेनों में 17 लाख, 74 हजार, 643 प्रवासी प्रवासी मजदूरों को उनके परिजनों को उनके गृह राज्य में पहुंचाया। जबकि मध्य रेलवे ने महाराष्ट्र से 574 श्रमिक विशेष ट्रेनें चलाकर करीब ७ लाख प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्य में पहुंचाया। पश्चिम रेलवे के विशेष ट्रेनों में २ मई से 29 मई तक देश के विभिन्न राज्यों में 17 लाख, 74 हजार, 643 यात्रियों को उनके घरों तक पहुंचाया गया है।

इनमें से 673 ट्रेनें उत्तर प्रदेश, 269 बिहार, 86 उड़ीसा, 31 मध्य प्रदेश के लिए चलाई गईं। साथ ही झारखंड के लिए 41, छत्तीसगढ़ के लिए 16, राजस्थान के लिए आठ, उत्तराखंड के लिए छह और पश्चिम बंगाल के लिए 15 ट्रेनें चली हैं। इनके अलावा श्रमिक विशेष ट्रेनें गुजरात, मणिपुर, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, असम और महाराष्ट्र के लिए भी चलाई गईं।

जबकि मध्य रेलवे ने २ मई से २९ मई के बीच 574 श्रमिक विशेष ट्रेनें चलाकर 7 लाख प्रवासी मजदूरों और उनके परिजनों को उनके गृह राज्य में पहुंचाया। इनमें से उत्तर प्रदेश के लिए 290 ट्रेनें, बिहार के लिए 155, मध्य प्रदेश के लिए 28, पश्चिम बंगाल के लिए 36, झारखंड के लिए 20, उड़ीसा के लिए 13, छत्तीसगढ़ के लिए छह, राजस्थान के लिए नौ, तमिलनाडु के लिए पांच ट्रेनें चली हैं।

इनके अलावा श्रमिक विशेष जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल के लिए भी चलाई गईं। बहरहाल मध्य रेलवे ने महाराष्ट्र से सबसे ज्यादा ट्रेनें चलाकर प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है।

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