![Chhattisgarh Children can identify themselves with education, skill Chhattisgarh](https://www.khaberaajki.com/wp-content/uploads/2020/11/2020_11largeimg08_Nov_2020_144057527.jpg)
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि बच्चे अपनी सेहत, शिक्षा, हुनर, खेलकूद के कौशल के उच्च मानदंड हासिल कर, लगन और संस्कार से देश-दुनिया में अपनी अलग और विशिष्ट पहचान बनाए।
श्री बघेल ने आज मासिक रेडियोवार्ता लोकवाणी की 12 वीं कड़ी में बच्चों से रूबरू होते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा बच्चों की अच्छी सेहत, उनकी बेहतर शिक्षा, हुनर विकसित करने, खेल कौशल को उत्कृष्ट बनाने के लिए अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इसके साथ ही साथ छत्तीसगढ़ की संस्कृति को सहेजने और उसके संवर्धन, संरक्षण के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होने देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का जिक्र करते हुए कहा कि नेहरू जी बच्चों में देश का भविष्य देखते थे और मानते थे कि भारत के बच्चे जितने शिक्षित और स्वस्थ होंगे, देश का भविष्य भी उतना ही सुरक्षित होगा। वे नई पीढ़ी को प्यार और दुलार के साथ सीख देना चाहते थे। वे बच्चों के बीच जाना पसंद करते थे और बच्चों के सवालों के खूब जवाब देते थे।
श्री बघेल ने बच्चों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए उन्हे बताया कि आजादी की लड़ाई के लिए जनता को संगठित करने, लड़ाई का नेतृत्व करने वाले लोगों में पंडित जवाहर लाल नेहरू अग्रणी नेताओं में शामिल थे। पंडित नेहरू के पिता मोतीलाल नेहरू उस जमाने के बहुत बड़े वकील और बहुत धनवान व्यक्ति थे। उन्होने अपनी पढ़ाई उस जमाने में दुनिया के सबसे बड़े संस्थानों में की थी। नेहरू जी करीब नौ वर्ष अंग्रेजों की जेल में काटे। जेल की कठिन जिन्दगी भी आजादी के दीवानों को अपने इरादों से कभी डिगा नहीं पाई।