children in madhya pradesh do not like studying through online
MP के बच्चों को रास नहीं आ रही ऑनलाइन पढ़ाई

कोरोना महामारी के कारण शिक्षण संस्थान बंद चल रहे है, देश के अन्य हिस्सों की तरह मध्य प्रदेश में भी बच्चों का खेलना-कूदना बंद है और पढ़ाई भी ऑनलाइन करनी पड़ रही है।

बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई रास नहीं आ रही है। बच्चों अपनी यह बात सोशल मीडिया पर जन प्रतिनिधियों के साथ आयोजित संवाद में जाहिर की।

प्रदेश के 25 जिलों के स्कूली बच्चों ने गुरुवार केा एक ऑनलाइन संवाद में भाग लिया, जिसमें उन्होंने प्रदेश के जनप्रतिनिधियों के साथ बातचीत की और अपनी समस्याओं से उन्हें अवगत कराया । यह संवाद कार्यक्रम चाइल्ड राइटस् ऑब्जर्वेटरी मध्यप्रदेश और यूनीसेफ ने आयोजित किया था ।

Rewa, Sheopur, Khandwa, Umaria, Damoh, Jabalpur, Harda, Rajgarh, Chhindwara, Raisen, Tikamgarh, Niwari, Datia, Alirajpur, Anuppur, Satna, Hosangabad आदि जिलों के स्कूल के बच्चों ने स्कूलों में शिक्षा, ऑनलाइन कक्षाएं, खेलों का अभाव, लॉकडाउन के कारण स्कूलों का बंद होना, स्वास्थ्य विशेषकर मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं और सुरक्षा के मामलों में उनके सामने आ रही चुनौतियों के संबंध में बताया।

बच्चों ने अपने अपने गांवो और घरों से जूम प्लेटफार्म पर मध्यप्रदेश के विधायकों से बातचीत की, इसके लिये उन्होंने स्वयं के मोबाइल या अपने पिता के मोबाइल का उपयोग किया । कुछ बच्चे चाहते थे कि स्कूल खोल दिये जाए जिससे वे अपने दोस्तों से मिलने जा सकें।

ज्यादातर बच्चों का कहना था कि ऑनलाइन शिक्षा उनकी समझ में नहीं आता और वे नोटस् नहीं बना पाते हैं, कइयों के पास स्मार्ट फोन नहीं हैं और इन्टरनेट कनेक्शन बहुत कमजोर होता है।

जबलपुर से भाजपा के विधायक अजय विश्नोई ने बच्चों से कहा कि चुनौतियों से प्रेरणा लेना चाहिए और उन्होंने बच्चों को कोविड 19 के समय में घर से पढ़ने और खेलने के लिये प्रोत्साहित किया।

राघौगढ के विधायक और पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने बच्चों के प्रारम्भिक जीवन में स्वास्थ्य, पोषण और षिक्षा के महत्व के विषय में बताया। उन्होंने कहा कि बच्चों ने जो मुद्दें उठायें हैं,वे महत्वपूर्ण हैं। इन्हें पूरा करने की दिशा में काम किया जाना चाहिये।

बरगी के विधायक संजय यादव कहा कि शिक्षा, पोषण और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अधिक निवेश किया जाना चाहिये। वे इस वर्ष अपने विधान सभा क्षेत्र के 30 स्कूलों में विधायक एवं सांसद निधि से स्मार्ट क्लासेस बनवायेंगे । उन्होंने स्वीकार किया कि बच्चें वोट नहीं देते इसलिये उनकी चुनौतियों को महत्व नहीं मिलता।

चाइल्ड राइटस् आब्जर्वेटरी की अध्यक्ष निर्मला बुच ने कहा कि हम बच्चों की आवाजों को इकट्ठा कर प्रदेश के जनप्रतिनिधियों तक पहुंचाएंगे ताकि उनके हल निकलें, साथ ही हम इनका फॉलोअप भी करते रहेंगे। इस कार्यक्रम में प्रदेश भर से लगभग 150 लोगों ने भाग लिया और कई जगहों पर कई लोग एक साथ इस कार्यक्रम को देख और सुन रहे थे ।

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