स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि देश में अन्य देशों की तुलना में कम कोरोना मामले हैं।

संयुक्त स्वास्थ्य सचिव( Joint Health Secretary )लव अग्रवाल ने मीडिया को बताया, विभिन्न देशों में हर दिन हजारों नए मामले और सैकड़ों मौतें हो रही हैं। भारत में 1,071 मामलों की पुष्टि हुई है और अब तक 29 मौतें हुई हैं।

अग्रवाल ने कहा, 24 घंटे में कम से कम 92 नए मामलों की पुष्टि और 4 मौतें हुई हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health )ने प्रतिदिन देश में सामने आए कोरोना के नए मामलों और मौतों की संख्या के आधार पर एक विश्लेषण किया और पाया कि वायरस के प्रसार की दर विकसित देशों की तुलना में बहुत कम है। यह बात भी महत्वपूर्ण है कि उन देशों में जनसंख्या का घनत्व भी भारत की तुलना में कम है।

अग्रवाल ने कहा, हमने देखा है कि हमारे देश में कोरोना मामलों की संख्या 100 से एक हजार तक पहुंचने में 12 दिन लगे। दूसरी ओर, इस अवधि में अन्य देशों में 3,500, 5,000, 6,000 और उच्च स्तर पर 8,000 मामले देखे गए हैं। ये विकसित देश हैं और भारत की तुलना में यहां कम आबादी है।

संयुक्त स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि यह समय रहते किए गए उपायों और सरकार द्वारा उठाए गए लॉकडाउन जैसे कदमों के कारण ही हो सकता है।

अग्रवाल ने कहा, लेकिन, जैसा कि मैंने कहा कि यह एक ऐसी लड़ाई है, जिसे हमें हर दिन लड़ना पड़ता है और हम संक्रामक बीमारी से जूझ रहे हैं। अगर कोई व्यक्ति लापरवाही दिखाता है, तो हमारी सारी मेहनत बेकार चली जाएगी।

अग्रवाल ने कहा, फिलहाल हम अपेक्षाकृत बेहतर स्थिति में हैं।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार किसी भी विश्व स्वास्थ्य निकाय द्वारा कोरोनावायरस के प्रकोप पर कोई सख्त कदम उठाने के इंतजार में नहीं रही और इसने सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करने से पहले ही रोकथाम के उपाय करने शुरू कर दिए थे।

अग्रवाल ने कहा, क्या हमने विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा करने का इंतजार किया? हमने 13 दिन पहले ही रोकथाम के उपाय शुरू कर दिए थे।

दिल्ली में मरकज प्रकरण के सवाल पर संयुक्त स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि हम सभी को यह समझने की आवश्यकता है कि यह गलती खोजने का समय नहीं है, बल्कि जिन इलाकों में कोरोना मामले पाए जाते हैं, वहां इससे लड़ने का समय है।

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