Supreme Court satisfied

नई दिल्ली – लोकसभा चुनाव में आपत्तिजनक भाषणों पर चुनाव आयोग की कार्रवाई से सुप्रीम कोर्ट ने संतुष्टि जताई है।

कोर्ट ने आयोग की कार्रवाई पर संतोष जताते हुए कहा कि फिलहाल कोई नए आदेश देने की आवश्यकता नहीं है। सपा नेता आजम खान, बसपा प्रमुख मायावती, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ और भाजपा नेता मेनका गांधी के प्रचार पर प्रतिबंध के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लगता है कि चुनाव आयोग हमारे आदेश के बाद जाग गया है और उसने कई नेताओं को चुनाव प्रचार से कुछ घंटों के लिए प्रतिबंध लगा दिया।

वहीं दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट ने मायावती की उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया जिसमें उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान घृणा फैलाने वाले बयानों को ले कर चुनाव आयोग के प्रतिबंध को चुनौती दी थी। बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव प्रचार के दौरान बसपा प्रमुख मायावती और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कथित रूप से विद्वेष फैलाने वाले भाषणों के मामले में उनके खिलाफ निर्वाचन आयोग की कार्रवाई पर सोमवार को अप्रसन्नता व्यक्त की।

इसके साथ ही कोर्ट ने कहा था कि वह आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में आयोग के अधिकारों के दायरे पर विचार किया जायेगा।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने चुनाव प्रचार के दौरान उप्र के इन दो प्रमुख नेताओं के कथित रूप से विद्वेष फैलाने वाले भाषणों का संज्ञान लेते हुये आयोग से जानना चाहा कि उसने अभी तक क्या कार्रवाई की। इससे पहले आयोग ने इस मामले में खुद को ‘दंतविहीन’ बताया था।

पीठ ने कहा था, ‘आप बतायें कि आप क्या कर रहे हैं। हमें बतायें कि आपने क्या कार्रवाई की है।’

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आयोग के एक प्रतिनिधि को मंगलवार की सुबह साढ़े दस बजे तलब किया था। पीठ ने आयोग के इस कथन पर गौर करने का निश्चय किया कि उसके पास चुनाव प्रचार के दौरान जाति एवं धर्म को आधार बना कर विद्वेष फैलाने वाले वाले भाषणों से निबटने के लिये सीमित अधिकार है। कोर्ट के सख्त रूख के चंद घंटों के भीतर ही निर्वाचन आयोग हरकत में आया और उसने दोनों नेताओं की सांप्रदायिक टिप्पणियों के लिये कड़े शब्दों में निन्दा की और उन्हें चुनाव प्रचार से रोक दिया।

आयोग ने आदित्यनाथ को 72 घंटे और बसपा सुप्रीमो मायावती को 48 घंटे के लिये चुनाव प्रचार से बाहर कर दिया।

इसके बाद चुनाव आयोग ने केन्द्रीय मंत्री मेनका गांधी और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को भी विवादित बयान देने के मामले में मंगलवार से चुनाव प्रचार करने से रोक दिया। यह पहला मौका है जब किसी केन्द्रीय मंत्री को प्रचार अभियान में हिस्सा लेने पर देशव्यापी रोक लगाई गई है। मेनका गांधी को मंगलवार को सुबह दस बजे से अगले 48 घंटे तक देश में कहीं भी किसी भी प्रकार से चुनाव प्रचार में हिस्सा लेने से रोक दिया है। इसी तरह आजम खान को भी मंगलवार सुबह दस बजे से अगले 72 घंटे तक चुनाव प्रचार करने से रोका गया है।

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