AIIMS hospital in dehli

आपका मोबाइल फोन आपके बच्चे के लिए खतरनाक हो साबित हो सकता है और उसे घायल कर सकता है। वह डेंटल ट्रॉमा का शिकार हुए है। AIIMS के डेंटल विभाग में इस गर्मी की छुट्टी में ऐसे 9-10 छोटे छोटे बच्चे डेंटल इंजूरी की वजह से एडमिट किए है। इन सभी बच्चों की इंजूरी की एक खास वजह मोबाइल फोन पाई गई। एक मोबाइल का वजन 170 ग्राम से लेकर 250 ग्राम तक हो होता है, जब इतना भारी मोबाइल मुंह पर गिरेगा तो डेंट्रल ट्रॉमा का खतरा है और इसी खतरे का शिकार हुए बच्चे एम्स में इलाज के लिए पहुंचे।

एम्स के डेंटल विभाग के डॉक्टर विजय माथुर और डॉक्टर नितेश तिवारी का कहना है

कि इस साल गर्मी की छुट्टी के दौरान विभाग में 9-10 मामले आए थे और सभी मोबाइल की वजह से इंजूरी देखकर हम भी चौंक गए। रिपोर्ट के अनुसार एक दो मामले तो ठीक हैं, लेकिन 9-10 मामले तो बहुत होते हैं। डॉक्टर ने कहा कि छोटे बच्चे के हाथ में कमजोर होते हैं, जब वो लगातार मोबाइल पकड़ते हैं, तो कभी कभार यह हाथ से छूट भी जाता है, कई बार नींद लगने की वजह से हाथ से छूट जाता है और कभी लापरवाही की वजह से भी।

लेकिन जब बच्चा सोकर मोबाइल देख रहा होता है या विडियो गेम खेल रहा होता है, तब हाथ से छूटने पर उसे चोट लग जाती है। ज्यादातर मामले में मोबाइल मुंह की तरफ गिरता है, जिससे डेंटल इंजूरी के चांस होते हैं। एम्स में इलाज के लिए पहुंचने वाले बच्चों की उम्र साढ़े तीन साल से लेकर 8 साल के बीच थी। इसमें से अधिकांश को डेंटल इंजूरी की वजह से सोकर मोबाइल का इस्तेमाल करना पाया गया।

7 बच्चे सोते हुए वीडियो गेम खेल रहे थे और 2 को सोते हुए सेल्फी लेने की वजह से यह चोट लगी थी।

डॉक्टर विजय ने कहा कि इसमें आगे के एक या दो दांत हिल जाते हैं और अगर दांत के आगे वाले हिस्से में मोबाइल लगता है, तो वह टूट भी सकता है। उन्होंने कहा कि बड़ा हो या छोटा, दांत का आगे का हिस्सा सबका कमजोर होता है, उस सामने वाले हिस्से में चोट लगने से वह टूट जाता है। इस मामले में भी दो बच्चे के दांत के आगे का हिस्सा टूट कर झड़ गया था। कई बच्चों के होठ कट गए थे, इसमें से कुछ के दांत हिल गए थे।

Previous articleकश्मीर में हालात ठीक तो महबूबा की बेटी नज़रबंद क्यों? चिदंबरम
Next articleकेंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान स्टील की खपत बढ़ाने के लिए बनाया रोडमैप