Atal bihari bajpai

भोपाल पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटलबिहारी वाजपेयी जी के निधन की खबर से भारतीय जनता पार्टी मध्यप्रदेश में शोक व्याप्त हो गया।

मुख्यमंत्री शिवराजसिंह जी की जन आशीर्वाद यात्रा सहित विधानसभा सम्मेलन और प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह जी के जिला प्रवास जैसे सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए हैं। अटलजी का स्वास्थ्य अत्यधिक बिगड़ने की सूचना मिलते ही आज दोपहर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान तथा संगठन महामंत्री सुहास भगत दोपहर में दिल्ली रवाना गए। प्रदेश अध्यक्ष राकेशसिंह जी भी अपने सभी कार्यक्रम छोड़कर दिल्ली पहुंचे।

पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी जी के निधन पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने गहरा शोक जताया है।

उन्होंने कहा है कि मध्यप्रदेश के लाड़ले सपूत अटलबिहारी वाजपेयी जी ने अपने सर्वग्राही और सर्वस्पर्शी व्यवहार से न सिर्फ भारत में बल्कि देश की सीमाओं से परे विश्व में अपना एक आदरणीय स्थान बनाया था। राष्ट्र के प्रति उनकी निष्ठा और समर्पण की स्पष्टता के चलते उन्हें दुनिया में मान मिला।

उनके कृतित्व के कारण ही भारत का सम्मान विश्व में शिखर पर पहुंचा था। भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों की वैश्विक स्थापना की दिशा में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। उनके चले जाने से आज ऐसा लग रहा है, जैसे परिवार में सबकी चिंता करने वाले पिता का साया सिर से उठ गया हो।

प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत ने शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि अटल जी के रूप में हमने एक आदर्श स्वयंसेवक और कुशल संगठक को खो दिया है। अटल जी ने कभी भी मूल्यों से समझौता नहीं किया। विचार की दृढ़ता के कारण सरकार को भी तिलांजलि देने में उन्होंने हिचक नहीं की।

आज भारतीय जनता पार्टी का जो विराट स्वरूप दिखाई दे रहा है, उसमें अटल जी की इच्छाशक्ति और आत्मविश्वास के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। हम सभी उनके द्वारा निर्धारित किए गए मापदंडों पर चलकर ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दे सकते हैं।

भारतीय जनता पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने अटल जी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि अटल जी ने जहां विश्व राजनीति में अपनी छाप छोड़ी थी, वहीं देश में समन्वयवादी राजनीति का सफल प्रयोग किया था। अटल जी का जाना यूं तो वैश्विक क्षति है लेकिन मध्यप्रदेश के लिए यह और गहरे दुख का विषय है क्योंकि वे इसी माटी के लाल थे। ग्वालियर शहर में उनका जन्म हुआ था।

उन्होंने जीवन पर्यंत अपने जन्म स्थान के सहपाठियों से सहज और जीवंत रिश्ते बनाकर रखे। आज समूचे ग्वालियर अंचल सहित प्रदेश भर में लाखों लोगों की आंखें नम हैं, जिन्होंने अटल जी को नजदीक से देखा, व्यवहार से समझा अथवा कृतित्व से जाना।

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