Bullets fired in Indore High Court
Bullets fired in Indore High Court… Encounter or any shoot: Videos going viral on social media

Bullets Fired in Indore High Court। शहर के बीच स्थित इंदौर हाईकोर्ट की पुरानी बिल्डिंग। लंबे चौड़े इलाके में स्थित इस भवन में दाखिल होने के कई रास्ते और गेट। सारा दिन हजारों लोगों की यहां आवाजाही। मुख्य कमर्शियल इलाका होने के चलते आम चलपहल की भी हर वक्त हलचल। अचानक इस न्याय मंदिर से दनादन गोलियां चलने की तेज आवाजें उठने लगती हैं। हर मोर्चे पर तैनात बंदूकधारी पुलिस जवान। सबका टारगेट वह शख्स, जो अदालत के न्याय तारों को छिन्न भिन्न करने के कुत्सित प्रयास में आगे बढ़ रहा था। गोलियों की बौछार थम जाती है और एक व्यक्ति अदालत परिसर के बीचों बीच ढेर पढ़ा दिखाई देता है। धीरे धीरे अधिकारी इस व्यक्ति के पास पहुंचने लगते हैं और तस्दीक करते हैं कि उसके प्राण पखेरू उड़ चुके हैं। एंबुलेंस पहुंचकर इस लाश को अगली कार्यवाही के लिए लेकर चल पड़ती है….!

प्रदेश की कमर्शियल कैपिटल इंदौर की हाईकोर्ट से जुड़े ऐसे दर्जनों वीडियो और फोटो सोशल मीडिया तेजी से वायरल हो रहे हैं। जिसके पास ये पहुंचे, उसने जिम्मेदारी के साथ इसको अगले ग्रुप्स में शेयर करने में देर नहीं की। बिना इस तस्दीक के, कि वास्तव में मामला क्या है?

किसी को लगा एनकाउंटर, कोई समझा फिल्मी शूटिंग

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इन विडियो के साथ किसी तरह की जानकारी चस्पा नहीं थी। जिसको देखकर लोग अपने हिसाब से कयास लगा रहे हैं। किसी को ये कोई एनकाउंटर लग रहा है तो किसी ने इसको किसी फिल्म की शूटिंग का हिस्सा मान लिया है।

मॉक ड्रिल का हिस्सा था

हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट मुजीब खान बताते हैं कि दरअसल यह वीडियो हाईकोर्ट परिसर में किए गए मॉक ड्रिल से जुड़े हैं। अदालत की सुरक्षा व्यवस्था को जांचने ये प्रक्रिया दो तीन दिन पहले अपनाई गई थी। इसी दौरान कुछ लोगों ने उत्सुकता में ये विडियो बना लिए और इनको सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया। एडवोकेट मुजीब खान कहते हैं बिना वास्तविक जानकारी के इस तरह कोई वीडियो, फोटो या जानकारी पोस्ट, शेयर करना कानूनी तौर पर अपराध है। ऐसे लोग सजा के दायरे में भी आ सकते हैं।

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