Abid mohammed khan Film review
Animal' Film's Impact on Indian Culture and Society

Animal Film Review: भारतीय फिल्मो का बड़ा इतिहास रहा है ! मदर इंडिया,शोले,लगान,दिल वाले दुल्हनिया ले जायेंगे, जैसी फ़िल्में विश्व में न केवल हमे गौरान्वित करती हैं बल्कि भारतीय संस्कृति सभ्यता की छाप भी छोड़ती है ! जो कि हमारे सयुक्त परिवार और समाज वर्णन करती हैं ! वही हाल ही में रिलीज हुई फिल्म एनिमल (film Animal) का नायक एक संयुक्त परिवार में रहता है ! नशे में धुत अपने दादा के सामने सेक्स करता है ! पिता के सामने शराब पीता है सिगरेट पीता है ! पिता की मोहब्बत के नाम के ऊपर कत्ल करता है खून बहता है ! अपनी पत्नी को मारता है ! अन्य स्त्री के साथ शारीरिक संबंध स्थापित करता है ! विलेन उस का ही खून जो उस से ज़यादा गिरे काम करता है !

वहीं कुछ समय पहले एक फिल्म थी जिसका नाम था सूर्यवंशम इसके मुख्य नायक अमिताभ बच्चन थे ! जिसका नायक अपने माता-पिता के सामने उफ़ तक नहीं करता ! अपने पिता के सम्मान के लिए अपनी बीवी को कलेक्टर बनता है ! अपने बाप के नाम से हॉस्पिटल खुलवाता है ! उनके लिए जान लेने नहीं बल्कि देने तक के लिए तैयार रहता है ! पिता का मान सम्मान,आदर, प्रतिष्ठा, भारतीय संस्कृति की पूर्ण झलक इस फिल्म में देखने को मिल जाएगी ! परंतु एनिमल फिल्म कुल मिलाकर भारतीय संस्कृति पर एक ऐसा हमला है जो दिखाई नहीं पड़ रहा ! इसको साइलेंट अटैक या फैलता कैंसर भी कहा जा सकता है ! सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म को पास कर दिया है ! वही लोगों ने भी इसको हिट बनाने में कोई कमी नहीं छोड़ी !

आखिर इस फिल्म के हिट होने कि वजह क्या है ❓

हमारा सामाजिक संतुलन बिगड़ रहा है ?

नफरत के नाम पर खून बहने की मानसिकता को हम स्वीकार कर चुके हैं ?
भारतीय संस्कृति के पतन के लिए क्या इस तरह की फिल्मो को निरंतर बढ़ावा देना किसी साजिश का अंदेशा है ?
महिलाओं के सम्मान में समर्पित हमारी संस्कृति क्या पाश्चात्य संस्कृति कि गुलामी को आज भी स्वीकारती है ?
क्या आने वाले समय में हम अपनी आने वाली पीडियो को एनिमल के नायक के रूप में देखना चाहेंगे या सूर्यवंशम के नायक के रूप में ?
ज़रा सोचिए

आबिद मोहम्म्मद खान

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