शिवराज बोले- चौथे लॉकडाउन का स्वरूप मिला-जुला हो
शिवराज बोले- चौथे लॉकडाउन का स्वरूप मिला-जुला हो

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान(MP CM Shivraj Singh chohan) ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग में सुझाव दिया कि चौथे लॉकडाउन का स्वरूप मिला-जुला होना चाहिए, ताकि कोरोना के संक्रमण को रोकने के साथ अर्थव्यवस्था को दोबारा खड़ा किया जा सके।

आधिकारिक तौर पर उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री चौहान ने वीसी में सुझाव दिया कि प्रदेश में कोरोना के संक्रमण को प्रभावी ढंग से रोकने तथा अर्थव्यवस्था को दोबारा खड़े करने के उद्देश्य से चौथे लॉकडाउन का स्वरूप मिला-जुला हो। संक्रमित क्षेत्र में पूरी सख्ती बरती जाए, वहीं अन्य क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को सुचारु करने के उद्देश्य से छूट दी जाए।

चौहान ने सुझाव दिया कि रात्रिकालीन कर्फ्यू शाम सात बजे से सबेरे सात बजे तक यथावत रहे।

धीरे-धीरे पब्लिक ट्रांसपोर्ट नियंत्रित रूप से शुरू किए जाएं और सभी प्रकार के उत्सव प्रतिबंधित हों। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संकट (Corona crisis)में राज्यों को केंद्र का निरंतर सहयोग मिल रहा है। केंद्र द्वारा भेजी गई टीम अधिक संक्रमित क्षेत्रों में आई तथा उन्होंने महत्वपूर्ण मार्गदर्शन दिया है। मजदूरों के लिए चलाई गई ट्रेनें मजदूरों को वापस लाने में अत्यंत सहायक सिद्ध हुई हैं।

मनरेगा में केंद्र द्वारा भिजवाई गई 661 करोड़ की राशि तथा एनडीआरएफ की 910 करोड़ रुपये की राशि इस संकट के समय काफी सहायक सिद्ध हुई। प्रदेश में 16 लाख मजदूरों को मनरेगा में कार्य दिया गया है। प्रदेश में विभिन्न प्रकार की आर्थिक गतिविधियां शुरू की गई हैं। एमएसएमई उद्योगों के लिए राज्यों को पैकेज दिया जाए।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्रियों को संबोधित करते हुए कहा कि 15 मई से पहले राज्य चौथे लॉकडाउन के संबंध में अपनी रणनीति बनाकर भिजवाएं। इसमें अपने राज्य में किस प्रकार की रचना करना चाहते हैं, उसके मैप लॉजिक सहित भारत सरकार को भिजवाएं। लॉकडाउन का अगला चरण 18 मई से लागू होगा। यह चरण दूसरे स्वरूप में होगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा कि लॉकडाउन के संबंध में अब राज्य लीड करेंगे।

कुछ सामान्य गाइडलाइंस को छोड़कर राज्य अपनी परिस्थितियों के अनुरूप कार्य कर सकेंगे। कोरोना को रोकने का एक मात्र तरीका, जब तक वैक्सीन नहीं बन जाता या इसका निश्चित उपचार नहीं मिल जाता, लॉकडाउन ही है। इसलिए लॉकडाउन खत्म नहीं किया जा सकता। हम सीमित संख्या में ट्रेन जैसे राजधानी एक्सप्रेस चलाएंगे।

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