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Bhopal First lynching case

मॉब लिंचिंग कानून… सजा का दायरा कहां तक सीमित रहेगा…?

Bhopal first lynching case – अभी तक मॉब लिंचिंग के लिए सजा का कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं था। लेकिन भारतीय न्याय संहिता में इसके लिए प्रावधान किया गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि मॉब लिंचिंग एक घृणित अपराध है और इसके लिए मृत्युदंड का प्रावधान किया गया है। बीएनएस में मर्डर के लिए धारा 101 में सजा का प्रावधान है।
भारतीय दण्ड संहिता में किए गए बदलाव के बाद उम्मीद की जा रही थी कि उद्दंड, कानून और उसके प्रावधानों से बेखौफ और अपने आपको स्वयंभू देश रक्षक मानने वालों पर लगाम कसना आसान होगा। लेकिन नया कानून लागू होने के बाद भी हालात ढाक के तीन पात की तरह ही दिखाई दे रहे हैं। कानून अपने काम का दायरा कुछ लोगों तक ही सिमट कर चल रहा है। कार्यवाही की जद में वही लोग हैं, जिन्हें पहले भी दमित, शोषित और पीड़ित माना जाता रहा है।

राजधानी में हुआ मामला

प्रदेश की राजधानी भोपाल में हाल में भी गुंडागर्दी भरा मॉब लिंचिग का मामला हुआ है। शहरी क्षेत्र के भीड़ भरे इलाके में कुछ गुंडा तत्वों ने एक मुस्लिम युवक की बेरहमी से पिटाई कर दी। मारने वाली भीड़ के लिए लात, घूंसे और हथियार बरसाने की एक ही वजह काफी थी कि पिटने वाला युवक मुस्लिम है। सबसे ज्यादा आश्चर्य की बात ये है कि इस भीड़ को प्रश्रय देने वालों में एक वर्दीधारी भी शामिल था

गाड़ी टकराई, कर दी पिटाई

मामला द्वारका नगर पुलिया के पास का बताया जा रहा है। जहां एक मुस्लिम युवक की बाइक से कुछ बाइक सवार उपद्रवियों ने जान बूझकर गाड़ी टकरा दी। जिसके बाद शुरू हुए विवाद में राह चलते लोग भी शामिल हो गए। इन्होंने पीड़ित व्यक्ति के खिलाफ खड़े हो जाने की एक ही वजह मानी कि जिसकी पिटाई की जा रही है, वह मुस्लिम समुदाय से हैं।

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