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Urdu Poetry Icon Munawwar Rana Passes Away at 71

लखनऊ, 15 जनवरी 2024: भारत के मशहूर शायर मुनव्वर राणा का आज सुबह लखनऊ के पीजीआई में निधन हो गया। वे 71 वर्ष के थे।

मुनव्वर राणा का जन्म 26 नवंबर 1952 को उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में हुआ था। वे उर्दू भाषा के जाने-माने शायर थे। उन्होंने अपनी कविताओं में समाज के विभिन्न पहलुओं को उजागर किया।

मुनव्वर राणा को उनकी कविता “शाहदाबा” के लिए 2014 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्होंने कई कविता संग्रह प्रकाशित किए, जिनमें “शाहदाबा”, “आवाज़ें”, “इकरार”, “लफ़्ज़ों के दरमियान” और “अनजाने मेहमान” शामिल हैं।

मुनव्वर राणा के निधन से उर्दू साहित्य जगत को एक बड़ा नुकसान हुआ है। उनके प्रशंसक और साहित्य प्रेमी उन्हें हमेशा याद रखेंगे।

मुनव्वर राणा की कुछ प्रसिद्ध कविताएँ:

Munawwar rana shayari

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Munawwar Rana: Shayari that Touches the Soul

  1. Zindagi mein qismat ka bhi zaroor hota hai
munawwar rana urdu shayari

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  1. Dil chahta hai ki kuchh aisa karoon

दिल चाहता है कि कुछ ऐसा करूँ,
कि लोग मुझे याद करें,
लेकिन डर लगता है कि लोग मुझे भूल जाएँ।

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  1. Zindagi ki har sham ko

ज़िंदगी की हर शाम को,
एक शाम और आती है,
और हर शाम को,
एक शाम और जाती है।

  1. Mohabbat ne kiya hai sitam itna mujh par

मोहब्बत ने किया है सितम इतना मुझ पर,
कि अब हर चेहरे में तेरा ही चेहरा दिखता है।

munawwar rana ki ma per shayari
  1. Humne socha tha ki har pal khilenge

हमने सोचा था कि हर पल खिलेंगे,
ज़िंदगी गुलशन की तरह महकेंगी,
लेकिन ये कैसा सफर है जहाँ हर मोड़ पर,
आँसू ही पलकों में झिलमिलाते हैं।

मुनव्वर राणा को श्रद्धांजलि

मुनव्वर राणा के निधन पर साहित्य जगत और राजनीति जगत के कई लोगों ने शोक व्यक्त किया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, “मुनव्वर राणा जी का निधन साहित्य जगत के लिए एक बड़ी क्षति है। उनकी कविताएँ हमेशा लोगों के दिलों में जिंदा रहेंगी। मैं उनके परिजनों और प्रशंसकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।”

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “मुनव्वर राणा जी का निधन उर्दू साहित्य जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनकी कविताएँ हमेशा लोगों के दिलों में जिंदा रहेंगी। मैं उनके परिजनों और प्रशंसकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।”

साहित्य अकादमी के अध्यक्ष डा. चंद्रकांत पांडे ने कहा, “मुनव्वर राणा जी एक प्रतिभाशाली शायर थे। उनकी कविताओं में समाज के विभिन्न पहलुओं को उजागर किया गया है। उनका निधन उर्दू साहित्य जगत के लिए एक बड़ी क्षति है।”

मुनव्वर राणा जी को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि

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