Government is safe and we will complete its tenure
मुख्यमंत्री कमलनाथ

भोपाल – मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि भाजपा प्रदेश में संवैधानिक संकट खड़ा करने की कोशिश कर रही है, मगर इसमें वह सफल नहीं होगी। सरकार सुरक्षित है और कार्यकाल पूरा करेगी। ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोडऩे का पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ेगा, मगर वे साथ रहते तो बेहतर रहता।

प्र. आप राज्यपाल से मिले हैं विधायकों को लेकर जो चिंता जाहिर की है, उसका क्या मतलब था?
उ. मैंने राज्यपाल को पत्र सौंपकर जिन कांग्रेसी विधायकों को बेंगलुरु में बंधक बनाकर रखा गया है। उसके बारे में उन्हें जानकारी दी।

कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे भाजपा नेताओं द्वारा विधानसभा अध्यक्ष को सौंपना तथा विधायकों की सुरक्षा को लेकर राज्यपाल महोदय से चर्चा की। विधायकों को वापस लाने के लिए राज्यपाल से हस्तक्षेप करने की मांग की है। उन्होंने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

प्र. आपको लगता है सरकार स्थिर रहेगी?


उ. सरकार पूर्ण रूप से स्थिर है। जो विधायक बेंगलुरु ले जाए गए हैं। उनमें से अधिकांश विधायक मेरे संपर्क में हैं। वह किसी भी कीमत में भारतीय जनता पार्टी में जाने के लिए तैयार नहीं है। विधायकों ने इस्तीफे के सिंधिया की दावेदारी कांग्रेस में मजबूत करने के लिए कई दिन पूर्व दिए गए थे। सिंधिया जी ने वह इस्तीफे भारतीय जनता पार्टी को सौंपकर अपनी नई पारी की शुरुआत की है। जिससे उनके ही समर्थक विधायक इस विश्वासघात से हतप्रभ है।

वर्तमान स्थिति में सिंधिया समर्थक विधायक कांग्रेस में ही बने रहना चाहते हैं। जब यहां पर आएंगे,तब स्थिति अपने आप स्पष्ट हो जाएगी। अस्थिरता फैलाने की जो कोशिश भाजपा ने की थी। उसमें वह असफल हो गए हैं।

प्र. सिंधिया भाजपा में चले जाएंगे इसका अंदाजा आपको था?
उ. ज्योतिरादित्य सिंधिया कभी भाजपा में जाएंगे, ऐसा हम लोगों ने कभी नहीं सोचा था। वचन पत्र को लेकर सिंधिया जी ने सड़क पर उतरने की जो बात कही थी, उस पर मैंने स्वाभाविक रूप से जनता के मुद्दों पर सड़क पर उतरना है, तो उस पर कोई रोक नहीं है, इस तरह से प्रतिक्रिया दी थी। वचन पत्र में जो लिखा गया है, हमारी सरकार उसको समयबद्ध तरीके से पूरा कर रही है।

सबसे पहले किसानों की कर्ज माफी सर्वोच्च प्राथमिकता में थी। 365 से ज्यादा वचन सरकार पूरे कर चुकी है। अन्य वचन भी पूरे करने पर सरकार लगी हुई है। यह सिंधिया जी को भी मालूम था। इसके बाद भी उन्होंने कांग्रेस क्यों छोड़ी, मुझे आश्चर्य है। मंत्रिमंडल में उनके भी मंत्री शामिल हैं। क्या वह भी भ्रष्टाचार कर रहे थे। यह सब सिंधिया जी अच्छी तरह से जानते हैं।

प्र. पिछले 1 साल में कई बार सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की गई है, इसका क्या कारण है?


उ. सरकार ने 1 साल के अंदर 28 लाख किसानों के कर्ज माफ कर दिए हैं। जून माह से अब 2 लाख रुपए तक के कर्ज माफ किए जाने की प्रक्रिया शुरू हो रही है। मध्य प्रदेश सरकार ने जनता को माफिया से मुक्त कराने का एक अभियान चलाया था। जिसमें पिछले 15 वर्षों में जो माफिया राज मध्यप्रदेश में बना था, उस पर कुठाराघात हुआ।

मिलावट के खिलाफ मुहिम चलाई गई। इसमें अधिकांश लोग भाजपा के नेता ही थे। भाजपा को यह सहन नहीं हो रहा था। भाजपा बार-बार पूर्ण बहुमत की निर्वाचित सरकार को गिराने के लिए इसी तरह की साजिश अपनाकर सरकार को काम नहीं करने दे रही हैं। भाजपा के नेता 15 साल सत्ता में रहने के बाद अब बिना सत्ता के छटपटा रहे हैं। यह छटपटाहट जनता भी देख रही है।

प्र. भारतीय जनता पार्टी ने अपने विधायक क्यों प्रदेश से बाहर भेजे हैं, क्या उन्हें भी कोई खतरा था?
उ. भारतीय जनता पार्टी के कई विधायक सरकार के कामकाज से प्रभावित हैं। वह सरकार के अच्छे काम में सकारात्मक रुख रखना चाहते हैं। जिसके कारण भाजपा को लगता है, कि वह सरकार के समर्थन में आ सकते हैं। यही वजह है, कि उन्होंने अपने ही विधायकों को बंधक बनाकर राज्य से बाहर भेज दिया है। उनके मोबाइल फोन बंद कर दिए हैं, उन्हें टीवी भी नहीं देखने दे रहे हैं। ऐसे में तो लोकतंत्र नहीं चलेगा।

प्र. आप अपना ज्यादा समय मंत्रालय में देते है। जनता से आप कम मिले। विधायकों से भी आपका कम संवाद था। इसके कारण क्या यह स्थितियां निर्मित हुई हैं?


उ. यह सही है, जब मैंने सरकार के मुखिया के रूप में कामकाज संभाला था। तब प्रदेश की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। 2 लाख करोड़ रुपए का लगभग कर्ज था। विकास कार्यों और वेतन बांटने के लिए भी सरकारी खजाने में पैसे नहीं थे। ऐसी स्थिति में मेरी पहली प्राथमिकता किसानों को कर्ज माफी का जो वचन दिया था। उसे पूरा करना था। इसके साथ ही प्रदेश की योजनाओं के लिए पर्याप्त धनराशि का इंतजाम करना था। मेरा 1 साल इसी काम में लगा।

जिसके कारण मैं जनता के संपर्क में कम आया। विधायक और मंत्रियों को भी इतना समय नहीं दे पाया, जितना जरूरी था। 1 वर्ष में मेरे द्वारा प्रदेश की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने तथा विकास कार्य पूर्ण हो। जो वचन सरकार ने दिए हैं, वह समय सीमा के अंदर पूरे करने के लिए हमने सारी तैयारी कर ली है। बिजली बिलों का लाभ एक करोड़ परिवारों पर पहुंचा है। वहीं 28 लाख किसानों की कर्जमाफी से भाजपा परेशान है। भारतीय जनता पार्टी को लगता है कि जिस तरीके से सरकार चल रही है। यदि ऐसे ही चलती रही, तो वह सत्ता से बहुत दूर चले जाएंगे। जिसके कारण बार-बार वह सरकार के काम में व्यवधान डालने के लिए, सरकार गिराने की साजिश करते रहते हैं।

प्र. सत्ता और संगठन में आप की पकड़ बहुत कमजोर है। सरकार के खिलाफ यदि इतना कुछ हो रहा था, आपको पता नहीं चला। इसको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं?


उ. सत्ता और संगठन में समन्वय बना हुआ है। मैं अपने सभी सहयोगियों को पूर्ण विश्वास के साथ काम करने का मौका देता हूं। सब अपने अपने हिसाब से क्षमता के अनुसार काम कर रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा मध्यप्रदेश सरकार की योजनाओं का पैसा रोक लिया गया है। जीएसटी की राशि का भुगतान भी समय पर केंद्र से नहीं हो रहा है।

ऐसी स्थिति में मेरा सारा ध्यान प्रदेश की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने और मध्यप्रदेश को देश का सबसे विकसित राज्य बनाने के लिए योजनाएं बनाने और क्रियान्वय में था। वित्तीय प्रबंधन करने पर था। जिसके कारण यह धारणा बनी है। मैं जल्द ही प्रदेश सरकार और संगठन में समन्वय बनाते हुए गांव-गांव तक शासकीय योजनाओं का लाभ संगठन के माध्यम से जनता तक पहुंचने का लक्ष्य जल्द ही पूरा करुंगा।

प्र. आपको अभी भी लगता है, सरकार को कोई खतरा नहीं है। भारतीय जनता पार्टी जहां उसके दो विधायक भी नहीं होते हैं, वहां सरकार बना लेती हैं?


उ. भाजपा किसी भी कीमत पर सरकार बनाने का खेल पिछले कई वर्षों से खेल रही है। वही खेल मध्यप्रदेश में भी खेलना चाहती है। कांग्रेस हमेशा मूल्य आधारित राजनीति की पक्षधर रही हैं। मध्यप्रदेश में सरकार गिराने का जो प्रयास भाजपा द्वारा किया जा रहा है। वह किसी भी कीमत में सफल नहीं होगा। मेरी सरकार 10 वर्ष तक चलेगी। हम जनता के लिए काम कर रहे हैं। हमने जो वचन दिए हैं, निश्चित रूप से हम उन्हें पूरा करेंगे। भारतीय जनता पार्टी की इस तरीके की साजिशों को नाकाम करेंगे।

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