Indore case
Indore case a child has loss his life because he did not get an ambulance on time

मध्य प्रदेश (MP)के इंदौर(Indore)से एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। यहां एक बच्चे को इलाज के लिए एंबुलेंस नहीं मिली और परिवार बच्चे को दुपहिया वाहन पर लिए घूमता रहा। एंबुलेंस की जद्दोजहद में बच्चे की जान ही चली गई। कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने ट्वीट कर घटना का ब्यौरा वीडियो साझा कर दिया है।

यादव का कहना है कि शिवराज सिंह जी, (Shivraj Singh ji)आप खुद जितनी तारीफ करना चाहें कर लीजिए। यह ताजा वीडियो आपके सपनों के शहर-इंदौर का है, जहां तीन अस्पतालों के चक्कर काटने के बाद इस रोगी बच्चे को एम्बुलेंस नहीं मिली। मिली तो सिर्फ मौत। शव भी स्कूटी पऱ़| शर्म भी शर्मा रही है, मामाजी।

इंदौर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रवीण जड़िया ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, एक परिवार के बच्चे को बीते रोज एमवाय अस्पताल लाया गया था जहां उसकी जांच हुई थी और उसे घर जाने दिया गया था। आज घर में उसकी तबियत बिगड़ी और परिवार वाले नजदीकी अस्पताल ले गए, जहां से एमवाय अस्पताल ले जाने का परामर्श दिया गया।

जो वीडियो सामने आया है उसमें यह पता चल रहा है कि प्रभावित परिवार बच्चे को एमवाय अस्पताल तक ले जाने के एवज में एम्बुलेंस वाले को 300 रुपये भी देने तैयार थे मगर एंबुलेंस वाला बच्चे को लेकर अस्पताल नहीं गया। स्कूटी पर बच्चे को लेकर परिवार के सदस्य एमवाय अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां उसकी मौत हो गई।

डा. जड़िया का कहना है कि एंबुलेंस वाले ने लापरवाही की है और इस मामले में कार्रवाई की जाएगी।

इंदौर राज्य में सबसे ज्यादा कोरोना वायरस संक्रमित जिला है। यहां बड़ी संख्या में कोरोना पीड़ित हैं। सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतर होने का दावा भी कर रही है। इसके बावजूद ऐसी घटना सामने आई है।

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