BJP - Ramdas Athawale
बढ़ते पेट्रोल और डीज़ल के दामों पर बोले रामदास अठावले

Ramdas Athawale – बढ़ते पेट्रोल और डीज़ल के दामों पर मोदी के मंत्री रामदास अठावले का कहना हैं की उन्हें इस बात से कोई परेशानी नहीं हैं।

क्योंकि वह एक मंत्री हैं। अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले ने ये सब मीडिया से बातचीत करते हुए कहां। बता दे की वो एक समीक्षा बैठक में भाग लेने आए थे। और उसी दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहां की मेरा मंत्री पद जाएगा तो मैं परेशान हो जाऊंगा। लेकिन जनता परेशान हैं। इसे समझ सकते हैं और कीमतें कम करने का दायित्व सरकार का हैं। ये सब बात करते समय उनका अंदाज़ काफी हल्का फुल्का था।

उन्होंने कहां की अगर पेट्रोल डीजल के भाव कम करने हैं तो राज्यों को भी इसके लिए कोशिश करनी चाहिए क्योंकि इसमें राज्य सरकार के भी कर होते हैं। केंद्र के भी कर होते हैं।

इन्हें कम करने पर पेट्रोल-डीजल की कीमतें घट सकती हैं। उन्होंने आगे कहां की केंद्र सरकार अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहीं हैं की इन बढ़ते भावों पर लगाम लगाई जाए। और राज्यों को भी इसके लिए कोशिश करनी चाहिए। ताकि सरकार इस बढ़ते दामों के लिए कुछ कर सके। वहीं इससे पहले अठावले ने यहां सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग और विशेष योग्यजन निदेशालय के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।

उधर, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी अपनी सरकार का बचाव किया।

अमित शाह ने इन बढ़ते दामों का ज़िम्मेदार डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरती कीमत के लिए अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रमों को ठराया। उन्होंने भी मीडिया से बात चीत करते हुए कहां की हम भी इन बढ़ते दामों को देखते हुए चिंतित हैं। डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरती कीमत चिंता की बात हैं। हम इस से निपटने के लिए हर एक मुमकिन कोशिश कर रहें हैं। उन्होंने कहां की हमारी सरकार थोड़े ही समय में, इस गंभीर मुद्दे पर कदम उठाएगी। इसके अलावा शाह ने कहां की यह वैश्विक तौर पर हुए कुछ घटनाक्रमों की वजह से हैं। अमेरिका तथा चीन के बीच व्यापार युद्ध और अमेरिका तथा तेल उत्पादक देशों के बीच मुद्दे, इन वैश्विक कारणों के चलते ये घटनाक्रम हो रहे हैं। लेकिन हम जल्द ही कुछ करेंगे।

गौरतलब हैं की पिछले कुछ दिनों से लगातार पेट्रोल और डीज़ल के दामों में बढ़ोतरी की जा रहीं हैं। जिसके चलते आम आदमी को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं। इस से पहले इन बढ़ते दामों को देखते हुए कांग्रेस ने भारत बंद बुलाया था। साथ ही सरकार का विरोध किया था।

 

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